राजस्थान शीघ्र ही विद्युत उत्पादन में अधिशेष श्रेणी में होगा: भजनलाल शर्मा

राजस्थान शीघ्र ही विद्युत उत्पादन में अधिशेष श्रेणी में होगा: भजनलाल शर्मा

राजस्थान शीघ्र ही विद्युत उत्पादन में अधिशेष श्रेणी में होगा: भजनलाल शर्मा
Modified Date: March 10, 2024 / 10:57 pm IST
Published Date: March 10, 2024 10:57 pm IST

जयपुर, 10 मार्च (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश की ‘डबल इंजन’ सरकार द्वारा ऊर्जा क्षेत्र में किए जा रहे दूरदर्शी निर्णयों से राजस्थान शीघ्र ही विद्युत उत्पादन में अधिशेष श्रेणी में आ जाएगा और प्रदेश की ऊर्जा संबधी सभी आवश्यकताएं पूरी होंगी।

मुख्यमंत्री रविवार को तापीय और अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं, प्रसारण तंत्र, विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण तथा अन्य विकास कार्यों के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर एवं बिजली खरीद समझौते (पीपीए) होने के अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आज जिन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं उनको धरातल पर उतारने और समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के लिए राज्य सरकार पूरी शक्ति एवं सामर्थ्य के साथ कार्य करेगी ताकि अग्रणी राजस्थान की संकल्पना साकार हो।

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एक आधिकारिक बयान के अनुसार, रविवार को राज्य में 31 हजार 825 मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादन की विभिन्न परियोजनाओं सहित ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये के निवेश के वास्ते राज्य की तीन विद्युत निगमों एवं छह केन्द्रीय उपक्रमों के मध्य पांच एमओयू तथा एक बिजली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

इसके साथ ही, राज्य में अवसंरचना क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न विभागों, उपक्रमों तथा संस्थाओं के वित्त पोषण के लिए आरईसी लिमिटेड और राज्य सरकार के बीच भी 20 हजार करोड़ रुपये का एक एमओयू हुआ है।

शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने तीन माह के अल्प कार्यकाल में ही प्रदेश को विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के जल संकट को दूर करने के लिए गत दिनों हुए कई ऐतिहासिक समझौतों के बाद अब ऊर्जा के क्षेत्र में भी राज्य को अग्रणी एवं आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

उन्होंने कहा कि सरकार का गठन होते ही गत दिनों केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री तथा केन्द्रीय कोयला मंत्री से सार्थक चर्चा कर कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सरकार के कुप्रबंधन के कारण प्रदेश का बिजली तंत्र चरमरा गया था और प्रदेश में बिजली संकट खड़ा हो गया था।

उन्होंने कहा कि राज्य के बिजली वितरण कंपनियां 88 हजार 700 करोड़ रुपये के ऋण के साथ दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई थी तथा राज्य की समस्त बिजली कम्पनियों पर कुल एक लाख 39 हजार 200 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण भार आ गया।

शर्मा ने कहा कि समय पर ऋण ना चुका पाने के कारण बिजली कम्पनियों पर 300 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

कार्यक्रम को केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी ऑनलाइन माध्यम से संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश में प्रचुर मात्रा में कोयला उत्पादन किया जा रहा है और ‘‘हम शीघ्र ही एक अरब टन कोयला उत्पादन के ऐतिहासिक लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे।”

जोशी ने बताया कि देश में पहली बार पोटाश खनन की शुरुआत राजस्थान से की जा रही है।

उन्होंने कहा राज्य के हनुमानगढ़ और बीकानेर स्थित दो खान ब्लॉक को नीलामी में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।

भाषा कुंज नोमान

नोमान


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