महिला सशक्तीकरण के लिए ‘राजस्थान मरु उड़ान’ पहल शुरू होगी

महिला सशक्तीकरण के लिए 'राजस्थान मरु उड़ान' पहल शुरू होगी

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  • Publish Date - January 7, 2025 / 03:32 PM IST,
    Updated On - January 7, 2025 / 03:32 PM IST

जयपुर, सात जनवरी (भाषा) राजस्थान सरकार महिलाओं की व्यावहारिक जरूरतों पर केंद्रित अनूठी महिला सशक्तीकरण पहल ‘मरु उड़ान’ नौ जनवरी से पूरे राज्य में शुरू करेगी।

बाड़मेर की जिला कलेक्टर टीना डाबी ने गत वर्ष नवंबर में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक नई पहल ‘मरु उड़ान’ शुरू की थी। इसके असर एवं उपयोगिता को देखते हुए इसे ‘राजस्थान मरु उड़ान’ के नाम से पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है।

महिला अधिकारिता विभाग की आयुक्त नीतू राजेश्वर ने इस बारे में आदेश जारी किया है। इसके अनुसार, कार्यक्रम की उपयोगिता और प्रभाव को ध्यान में रखते हुए इसे नौ जनवरी से राजस्थान के सभी जिलों में ‘राजस्थान मरु उड़ान’ नाम से शुरू किया जाएगा।

कार्यक्रम में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, उद्योग, पुलिस, परिवहन, कृषि एवं बागवानी, शिक्षा सहित विभिन्न विभाग हिस्सा लेंगे।

योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार, संबंधित कार्यक्रमों और गतिविधियों का व्यय ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’’ योजना के बजट से किया जा सकेगा। इसके अलावा आवश्यकतानुसार कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत सहयोगी का निर्धारण करके वित्तीय सहायता ली जा सकेगी।

इस पहल के तहत मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, कौशल प्रशिक्षण, व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन, आत्मरक्षा, साइबर अपराध, ड्राइविंग कोर्स, बाजरा कुकीज प्रशिक्षण कार्यशाला एवं पर्यावरण संरक्षण, जल प्रबंधन और अपशिष्ट प्रबंधन जैसी कई गतिविधियां और सत्र आयोजित होंगे। स्वास्थ्य जांच शिविर भी लगाए जाएंगे। ये गतिविधियां और कार्यक्रम जिला एवं पंचायत समिति स्तर पर आयोजित किए जाएंगे।

बाड़मेर जिले में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के तहत शुरू किए गए ‘मरु उड़ान’ कार्यक्रम के तहत सभी पंचायत मुख्यालयों पर 12 प्रखंड-स्तरीय और एक जिला-स्तरीय संवाद सत्र आयोजित किया गया।

महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार और आत्मरक्षा के साथ-साथ उनके आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बाड़मेर जिले में गत वर्ष 12 नवंबर से नवाचार के रूप में ‘मरु उड़ान’ कार्यक्रम चल रहा है।

जिला कलेक्टर डाबी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘इसमें 3000 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया और 1538 महिलाओं ने 5000 स्वास्थ्य जांच कराई। कार्यक्रम 12 नवंबर को शुरू हुआ और अंतिम ब्लॉक-स्तरीय संवाद सत्र 28 नवंबर को हुआ। जिला-स्तरीय कार्यक्रम 29 नवंबर को बाड़मेर के टाउन हॉल में संपन्न हुआ।’’

डाबी ने कहा कि कार्यक्रम का दीर्घकालिक लक्ष्य महिला सशक्तीकरण के लिए एक स्थायी प्राणली बनाना है। उन्होंने कहा, ‘‘(आगामी) सत्रों में भाग लेने वाली महिलाओं को स्वास्थ्य, वित्तीय प्रबंधन और कौशल विकास के बारे में दूसरों को शिक्षित करने के वास्ते प्रशिक्षित और प्रेरित किया जाएगा, जिससे वे इस पहल के लिए ‘ब्रांड एंबेसडर’ बन सकेंगी।’’

उन्होंने कहा कि इस पहल को महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वरोजगार, आत्मरक्षा और आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है। गत वर्ष नवंबर में हुए प्रखंड-स्तरीय कार्यक्रमों में महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं की महत्तम भागीदारी सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘कुल 50 सत्र आयोजित किए गए, जिनमें से प्रत्येक कार्यक्रम में चार मुख्य सत्र थे। इन सत्रों में विषय विशेषज्ञों ने महिलाओं और लड़कियों के साथ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, वित्तीय प्रबंधन, कौशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण, सरकारी योजनाओं और करियर काउंसलिंग जैसे विषयों पर बातचीत की।’

सत्रों के लिए बड़े समूहों के बजाय 55-60 महिलाओं के छोटे समूह बनाए गए, ताकि खुली चर्चा को प्रोत्साहित किया जा सके।

भाषा पृथ्वी कुंज सुरेश

सुरेश