जयपुर, 23 जनवरी (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार गरीब, जरूरतमंद, वंचित और पिछड़े तबकों के उत्थान के लिए प्रतिबद्धता और सेवाभाव के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि हर वर्ग की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।
गहलोत ने रविवार को एनएसयूआई की ओर से श्रीगंगानगर और नागौर जिले के मेड़ता में आयोजित कोरोना से प्रभावित गरीब और जरूरतमंद परिवारों की कन्याओं के सर्वधर्म सामूहिक विवाह सम्मेलन को संबोंधित करते हुए कहा कि सादगी जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। सादगी से आयोजित होने वाले विवाह और अन्य समारोह सबके लिए मिसाल पेश करते हैं। ऐसे समारोह को सदैव प्रोत्साहन देना चाहिए।
गहलोत ने कहा कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के कारण समाज में अल्प आय वर्ग और दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों के सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने संकट की इस घड़ी में सभी वर्गों के सहयोग से बेहतर प्रबंधन करते हुए जरूरतमंद परिवारों को हरसंभव राहत पहुंचाई। कोई भूखा न सोए के संकल्प को साकार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह और अनुदान योजना के माध्यम से ऐसे विवाह सम्मेलनों को प्रोत्साहन दे रही है। अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देने के लिए डॉ. सविता बेन अम्बेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है, इसके तहत विगत तीन वर्षों में करीब 1575 दंपतियों को लाभान्वित किया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत एससी, एसटी और अल्पसंख्यक वर्ग के बीपीएल परिवारों की कन्याओं के विवाह पर 31 हजार रुपये हथलेवा राशि दी जा रही है।
भाषा कुंज संतोष
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