राजस्थान में 20 कॉलेजों की दीवारों को ‘नारंगी’ रंग से रंगने के आदेश, कांग्रेस ने जताई आपत्ति

राजस्थान में 20 कॉलेजों की दीवारों को 'नारंगी' रंग से रंगने के आदेश, कांग्रेस ने जताई आपत्ति

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  • Publish Date - November 10, 2024 / 05:36 PM IST,
    Updated On - November 10, 2024 / 05:36 PM IST

जयपुर, 10 नवंबर (भाषा) राजस्थान कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय ने कायाकल्प योजना के तहत 20 सरकारी कॉलेजों को अपने भवनों और प्रवेश कक्षों के सामने के हिस्से को नारंगी (ऑरेंज) रंग से रंगने का निर्देश दिया है जिससे शिक्षा संस्थानों के परिवेश में सकारात्मकता आएगी।

‘कायाकल्प’ योजना देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में सफाई, स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की एक राष्ट्रीय पहल है।

वहीं, विपक्षी कांग्रेस ने राज्य सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे शैक्षणिक संस्थानों का राजनीतिकरण करने का प्रयास बताया।

कॉलेज शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक (योजना) विजेंद्र कुमार शर्मा ने इस बारे में एक आदेश पिछले महीने जारी किया था। इसके तहत कॉलेजों के भवन के सामने के भाग (फ्रंट) और प्रवेश हॉल का रंग ‘व्हाइट गोल्ड’ और ‘ऑरेंज क्राउन’ किया जाएगा।

आदेश में कहा गया है, “कॉलेज उच्च शिक्षा के मुख्य केंद्र हैं। कॉलेज का शैक्षणिक माहौल और परिदृश्य छात्रों के लिए ऐसा होना चाहिए कि वे कॉलेज में प्रवेश करते ही सकारात्मक महसूस करें। उच्च शिक्षा के बारे में समाज में एक अच्छा संदेश जाना चाहिए और इसलिए कॉलेजों में सकारात्मक, स्वच्छ, स्वस्थ और शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए कॉलेजों का कायाकल्प किया जाना चाहिए।”

संयुक्त निदेशक ने आदेश में कहा गया है कि योजना के पहले चरण में प्रत्येक संभाग के दो सरकारी कॉलेजों को शामिल किया गया है और 20 कॉलेजों के भवनों के सामने के हिस्से और प्रवेश हॉल को ‘एशियन पेंट्स व्हाइट गोल्ड 8292’ और ‘एशियन पेंट्स ऑरेंज क्राउन 7974’ से रंगा जाना चाहिए।

कांग्रेस के प्रदेश महासचिव स्वर्णिम चतुर्वेदी ने इसको लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह कॉलेजों में शिक्षा का ‘राजनीतिकरण’ करने का प्रयास है।

उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार लोगों से किए गए चुनावी वादों को पूरा करने में विफल रही है। सरकार के पास अपनी उपलब्धियों के रूप में बताने के लिए कुछ भी नहीं है और ध्यान हटाने के लिए, वह इस तरह के कदमों का सहारा ले रही है।’

भाषा पृथ्वी नोमान

नोमान