राजस्थान : सैनिक को शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर परिजनों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी

राजस्थान : सैनिक को शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर परिजनों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी

  •  
  • Publish Date - September 27, 2024 / 08:22 PM IST,
    Updated On - September 27, 2024 / 08:22 PM IST

जयपुर, 27 सितंबर (भाषा) राजस्थान के बीकानेर जिले में सैनिक रामस्वरूप कस्वां (24) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद परिवार और समाज के प्रतिनिधियों ने जवान को शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर दूसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रखा तथा जयपुर-बीकानेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों को रोका।

परिजन बिना ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ के जवान की मौत को सुसाइड बताने वाले सैनिक कल्याण अधिकारी भी कार्रवाई की मांग कर रहे है।

पांचू थाना क्षेत्र के सैनिक रामस्वरूप की जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में बुधवार को संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी।

परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने इसे आत्महत्या का प्रयास बताते हुए एक बयान जारी कर बताया कि मामले में ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ लंबित है।

कस्वां को अनंतनाग में ड्यूटी के दौरान कथित तौर पर सिर में गोली लगी थी। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था।

बीकानेर सदर के थानाधिकारी कुलदीप चारण ने बताया कि म्यूजियम सर्किल में चल रहे धरना प्रदर्शन को देखते हुए यातायात को परिवर्तित किया गया है।

उन्होंने बताया कि धरना स्थल पर शुक्रवार को पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल, नोखा विधायक सुशीला डूडी, डूंगरगढ़ के पूर्व विधायक गिरधारी महिया, देहात कांग्रेस अध्यक्ष बिशनाराम सियाग भी पहुंचे।

उन्होंने बताया कि मृतक सैनिक का शव सैन्य अस्पताल में रखा है और परिजनों ने शुक्रवार को भी उसे अंतिम संस्कार के लिये नहीं लिया।

इससे पहले बृहस्पतिवार को नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मामले का संज्ञान लेने को कहा था।

बेनीवाल ने ‘एक्स’ पर लिखा था, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संज्ञान लें ..बीकानेर जिले के नोखा तहसील में स्थित पांचू गांव निवासी व श्रीनगर के अनंतनाग में भारतीय सेना की 75 आर्म्ड रेजीमेंट में कार्यरत रामस्वरूप कस्वा की ड्यूटी के दौरान संदेहास्पद मृत्यु हो जाने के समाचार चिंता का विषय है। चूंकि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के बाद ही स्थिति स्पष्ट होनी है की मृत्यु के कारण क्या थे?”

उन्होंने कहा कि ऐसे में बीकानेर में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी के पद पर कार्यरत एक रिटायर्ड कर्नल द्वारा इस मामले में बिना ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ रिपोर्ट के ही सैनिक की मृत्यु को आत्महत्या बता दिया गया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

बेनीवाल ने जिला सैनिक कल्याण अधिकारी को हटाने और उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

भाषा कुंज जितेंद्र

जितेंद्र