कोटा, 14 नवंबर (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को बृहस्पतिवार को यहां सर्किट हाउस में आयोजित ‘जनसुनवाई’ बैठक में शिकायतें सुनने के लिए एक घंटे देर से पहुंचने पर लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा।
बैठक सुबह आठ बजे शुरू होने वाली थी, लेकिन शोर-शराबे और भीड़ की नारेबाजी करने के कारण शर्मा करीब एक घंटे देरी से पहुंचे।
बैठक स्थल पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने लगभग 20-25 मिनट तक लोगों की शिकायतें सुनीं, इस दौरान कई लोगों ने पुलिस की ओर से लापरवाही बरते जाने की शिकायत की।
स्थानीय निवासी सलोनी मित्तल ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पांच दिन पहले उनके पति पर कुछ अपराधियों के हमले के बारे में उनकी शिकायत को नजरअंदाज कर दिया।
जवाब में, मुख्यमंत्री ने पुलिस अधीक्षक अमृता दुहन को मामले की जांच करने और पीड़िता की तुरंत मदद करने का निर्देश दिया।
बैठक में, राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) एसोसिएशन ने भजनलाल शर्मा को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें देवली-उनियारा विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई, जिन्होंने मतदान के दौरान कैमरों के बीच एक उप-विभागीय मजिस्ट्रेट को थप्पड़ मारा था।
बृहस्पतिवार को बाद में मीणा को गिरफ्तार कर लिया गया।
संविदा कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले कई मंचों ने भी संविदा रोजगार समाप्त करने की मांग उठाई और इस संबंध में मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा।
कोटा और बीना रेलवे स्टेशनों के बीच एक परियोजना पर पर चार साल तक काम करने वाले अरुण दास छाबड़ा ने दावा किया कि उन्हें और कुछ अन्य श्रमिकों को उनकी मजदूरी नहीं मिली क्योंकि जिस कंपनी ने उन्हें काम पर रखा था वह परियोजना से हट गई।
कार्यक्रम में राज्य के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, कोटा दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा और जिला कलेक्टर रवींद्र गोस्वामी उपस्थित थे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी के विवाह समारोह में शामिल होने के लिए बुधवार शाम कोटा पहुंचे शर्मा पूर्वाह्न करीब 10 बजे जयपुर के लिए रवाना हुए।
भाषा जोहेब रंजन
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