जयपुर, 16 जनवरी (भाषा) पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति के लिए बनाए गए नियमों के मसौदे की आलोचना करते हुए कहा है कि ऐसे नियम हमारी उच्च शिक्षा को बर्बाद कर देंगे।
गहलोत ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ऐसा लगता है कि यूजीसी द्वारा विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर एवं शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति के लिए बनाया गया नियमों का मसौदा आरएसएस विचारकों को विश्वविद्यालयों में स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बनाया गया है।’’
कांग्रेस नेता ने लिखा, ‘‘इस मसौदे के अनुसार अब वाइस चांसलर बनने के लिए अकादमिक होने की बाध्यता भी नहीं रहेगी और राज्य के विश्वविद्यालयों में भी वाइस चांसलर की नियुक्ति केंद्र सरकार ही करेगी। इन नियमों से विश्वविद्यालयों में अनुबंधित प्रोफेसरों की संख्या 10 फीसदी भी हो सकेगी यानी चहेते लोगों को प्रोफेसरों की तरह लगाना आसान होगा।’’
गहलोत के अनुसार, ‘‘ऐसे नियम हमारी उच्च शिक्षा को बर्बाद कर देंगे क्योंकि इससे अयोग्य लोगों के विश्वविद्यालयों में काबिज होने का खतरा होगा। यह देश की संघीय व्यवस्था के साथ खिलवाड़ होगा क्योंकि इससे राज्यों के अधिकार कम होंगे।’’
उन्होंने कहा कि सभी राज्य सरकारों एवं अकादमिक समुदाय को ऐसे नियमों का विरोध करना चाहिए जो उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को खराब करेंगे एवं देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेंगे।
भाषा पृथ्वी नरेश मनीषा
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