लड़कियों के लिए विवाह योग्य आयु बढ़ाने से वयस्कों के बीच सहमति से विवाह अपराध हो जाएंगे: ज्ञापन

लड़कियों के लिए विवाह योग्य आयु बढ़ाने से वयस्कों के बीच सहमति से विवाह अपराध हो जाएंगे: ज्ञापन

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  • Publish Date - May 18, 2022 / 07:52 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:49 PM IST

नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) महिला समूहों ने लड़कियों के लिए विवाह योग्य आयु 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने संबंधी प्रस्तावित संशोधन पर बुधवार को चिंता जताते हुए कहा कि यह कदम वयस्कों के बीच सहमति से विवाह को अपराध बना देगा।

इस मुद्दे को देख रही संसद की स्थायी समिति को दिये एक संयुक्त ज्ञापन में, उन्होंने कहा, ‘‘हमें डर है कि संशोधन, यदि लागू किया जाता है, तो यह वयस्कों के बीच सहमति से विवाह को अपराध बना देगा और वयस्क महिलाओं की स्वायत्तता को समाप्त कर देगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि मातृत्व और बाल स्वास्थ्य के बारे में चिंताओं को लड़कियों और महिलाओं के जीवन भर की पोषण स्थिति में सुधार करके दूर किया जा सकता है। ऐसा उनकी स्वायत्तता, विशेष रूप से वयस्क महिलाओं के विवाह एवं मातृत्व के बारे में निर्णय का बिना किसी जबर्दस्ती तथा परिवार, समुदाय, निगरानी संगठनों या सरकार के बल का बचाव करके अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकता है।’’

ज्ञापन पर ‘आल इंडिया डेमोक्रेटिक वूमेंस एसोसिएशन’ (एआईडीडब्ल्यूए) की मरियम धवले, नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन वूमेन की एनी राजा, आल इंडिया प्रोग्रेसिव वूमेंस एसोसिएशन की कविता कृष्णन, प्रगतिशील महिला संगठन की पूनम कौशिक और आल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन की छवि मोहंती ने हस्ताक्षर किए।

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि इस कदम से लैंगिक समानता को बढ़ावा नहीं मिलेगा। इसमें कहा गया है कि एक नागरिक 18 साल की उम्र में वयस्क हो जाता है और अगर उनकी उम्र सरकार चुनने के लिए पर्याप्त है, तो उनकी आयु जीवन साथी का चयन करने के लिए पर्याप्त क्यों नहीं होगी?

उसने सवाल कहा, ‘‘अगर उन्हें देश का भविष्य तय करने का अधिकार है, तो क्या उन्हें अपना भविष्य खुद तय करने का अधिकार नहीं है?

भाषा अमित पवनेश

पवनेश