नई दिल्ली: नरेद्र मोदी सरकार ने रेलवे के क्षेत्र में जनता की उम्मीद से बढ़कर काम किया है। वहीं, अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार ने रेलवे मंत्रालय को अच्छा खासा फंड दिया है। इस लिहाज से उम्मीद की जा रही है कि आगामी दिनों में सुदूर अंचलों को भी रेलवे से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही यात्रियों की सुविधाओं में विस्तार किया गया, पैसेंजर्स की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई शुरू हुई, चलती ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा के बेहतर इंतजाम किए गए, खाने-पीने का बेहतर प्रबंध के क्षेत्र में काम को लेकर उम्मीद जताई जा रही है।
वहीं, दूसरी ओर सूत्रों से खबर मिल रही है कि रेलवे ने मिशन इलेक्ट्रिफिकेशन 2022 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी स्टेशनों में डीजल इंजन का इस्तेमाल बंद करने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि सरकार ने इस संबंध में देश के सभी रेलवे स्टेशनों को निर्देश जारी कर दिया है। इस योजना की शुरुआत नॉर्दन रेलवे से किया जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार रेल मंत्रालय ने फैसला लिया है कि 31 साल पुराने डीजल इंजन अब उपयोग नहीं किया जाएगा। सरकार के अनुसार 25-30 साल पुराने डीजल इंजन की कार्यक्षमता कम हो जाती है। ऐसे इंजन का उपयोग करने से सरकार को बजट का एक बड़ा हिस्सा डीजल इंजन के मेंटेनेंस और अन्य चीजों में खर्च करना पड़ जाता है।
इन सब के अलावा रेलवे के इलेक्ट्रिफिकेशन पर भी जोर दिया है। भारतीय रेलवे ने साल 2022 तक देश के सभी रेलवे स्टेशनों को इलेक्ट्रिक लाइन से जोड़ने का लक्ष्य बनाया है। इलेक्ट्रिक लाइन से जोड़ देने के बाद डीजल इंजन चलना बंद हो जाएगी जिससे प्रदूषण पर बहुत हद तक नियंत्रण होगा। इसके अलावा स्पीड में भी तेजी आएगी।
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