नयी दिल्ली: महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के वास्ते रेलवे के नये दिशा-निर्देशों के तहत आरपीएफ अधिकारियों को पिछले पांच वर्षों में इस तरह की घटनाओं का विवरण प्राप्त करने के लिए कहा गया है। अधिकारियों को रेलवे परिसरों में सक्रिय अपराधियों का एक डाटाबेस बनाने और यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि स्टेशनों पर उपलब्ध नि: शुल्क वाईफाई का उपयोग पोर्न डाउनलोड करने के लिए नहीं किया जाये।
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक अरुण कुमार द्वारा जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि प्लेटफार्म और यार्ड में खराब संरचनाओं और अलग-थलग पड़े स्थानों पर जर्जर इमारतों को तुरंत ध्वस्त किया जाये। जब तक उन्हें ध्वस्त नहीं किया जाता है तब उनकी नियमित रूप से निगरानी की जाये, विशेष तौर पर रात के समय में, जब लोगों की मौजूदगी बहुत कम होती है। इसमें कहा गया है, ‘‘सभी पोस्ट कमांडरों (पीसी) को पिछले पांच वर्षों में महिलाओं के खिलाफ बलात्कार समेत अपराध की घटनाओं का विवरण प्राप्त करना चाहिए, और डाटा का पूरी तरह से विश्लेषण करना चाहिए।’’
आदेश में कहा गया है, ‘‘रेलवे यात्रियों को मुफ्त इंटरनेट सेवाएं प्रदान कर रहा है। सेवा प्रदाताओं के साथ समन्वय कर यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पोर्न साइट इस सेवा के माध्यम से उपलब्ध नहीं हो।’’ डीजी ने कहा कि डाटा विश्लेषण के आधार पर एक कार्य योजना तैयार की जानी चाहिए और इसे ‘‘अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजना’’ के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए। आदेश में अधिकारियों को महिलाओं के डिब्बों पर कड़ी नजर रखने को कहा गया है।
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