नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार के निर्देशानुसार रेलवे अपने 30 साल पुराने कर्मचारियों के परफार्मेंस की समीक्षा करेगा। रेलवे ने सभी जोन से ऐसे रेलकर्मियों का डाटा नौ अगस्त 2019 तक भेजने के लिए कहा गया है। जानकारी के मुताबिक समीक्षा में 55 साल की आयु पूरी करने वाले जो कर्मी या 30 साल की सेवा पूरी कर चुके ऐसे कर्मचारी जो काम में अक्षम पाए जाएंगे उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है। 26 जुलाई को जारी आदेश में कहा गया है कि प्रशासन को सशक्त बनाने के लिए समय-समय पर रेलकर्मियों की असामयिक सेवानिवृत्ति की जरूरत है। इसलिए सी व डी श्रेणी के कर्मचारियों के आंकड़े जुटाए जाएं। आदेश के साथ एक फार्म भेजा गया है जिसमें कर्मचारी के मूल्यांकन का उल्लेख किया गया है।
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फॉर्म में की विषयवस्तु के मुताबिक 30 साल की नौकरी में रेलकर्मी पर कितनी बार अनुशासनात्मक कार्रवाई की डिटेल भरना आवश्यक होगा। 2014-15 से 2018-19 तक उसका प्रदर्शन कैसा रहा। रेलकर्मी का मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य कैसा है। ड्यूटी पर उपस्थिति कितनी रही और समय पर काम पर पहुंचे या नहीं। कितने दिन छुट्टी पर रहे अथवा बगैर वेतन के छुट्टी पर रहे। विभाग के प्रति सत्यनिष्ठ कर्मियों का उल्लेख करें।
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रेलवे का यह पत्र 27 जुलाई को जारी किया गया है क्योंकि इसमें यही तारीख पड़ी हुई है। साथ ही इसमें रेलवे बोर्ड ने जोनल ऑफिसों के लिए लिस्ट भेजने की आखिरी तारीख 9 अगस्त तय की है। जानकारी के मुताबिक रेलवे में समय-समय पर किया जाने वाला रिव्यू है जिसके जरिए उन कर्मचारियों की पहचान की जाती है जो ठीक से काम नहीं कर रहे होते और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें समय से पहले सेवानिवृत्त किया जाता है। मोदी सरकार इस तरह की कार्रवाईयों को लेकर काफी गंभीर है।
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बता दें कि लोकसभा को हाल ही में यह जानकारी दी गई थी कि अलग-अलग सरकारी विभागों में काम करने वाले ग्रुप-A और ग्रुप-B के 1.19 लाख से भी ज्यादा अधिकारियों की परफॉर्मेंस की जांच की गई थी। ऐसा समय से पहले रिटायरमेंट वाले नियम के तहत किया गया था। रेलवे से जुड़े सूत्रों के मुताबिक फिलहाल रेलवे में 13 लाख कर्मचारी हैं और मंत्रालय चाहता है कि इस संख्या को घटाकर 2020 तक 10 लाख तक लाया जा सके।