7th Pay Commission Latest Update: अगर आप भी रेलवे के कर्मचारी हैं या फिर आपके घर का कोई सदस्य रेलवे में नौकरी करता है तो ये खबर आपके बड़े काम आने वाली है। रेलवे कर्मचारियों के एक ग्रुप ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से बोनस (PLB) की कैलकुलेशन छठे वेतन आयोग की बजाय सातवें वेतन आयोग के आधार पर करने की गुजारिश की है।
रेलवे कर्मचारियों को कितना बोनस मिलता है
IREF की ओर से जोर दिया गया कि, सरकारी निर्देशों के अनुसार रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन की बेसिक सैलरी के बराबर PLB बोनस मिलना चाहिए। लेकिन, मौजूदा भुगतान 7,000 रुपये के आधार पर केवल 17,951 रुपये किया जाता है। IREF के राष्ट्रीय महासचिव सर्वजीत सिंह ने बताया कि, सातवें वेतन आयोग के तहत रेलवे में न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है। इसलिए 78 दिन का 17,951 रुपये बोनस बहुत कम है। बढ़ती महंगाई के बीच यह काफी चिंताजनक विषय है। सिंह ने बताया कि 18,000 रुपये बेसिक सैलरी के हिसाब से 78 दिन का बोनस 46,159 रुपये होता है।
रेलवे कर्मचारियों को होगा 28 हजार 208 रुपये का फायदा
अगर सरकार की तरफ से सातवे वेतन आयोग के मुताबिक, 78 दिन का बोनस देने का फैसला किया जाता है तो हर कर्मचारी को कम से कम (46,159-17,951)=28,208 रुपये का फायदा होगा। रेलवे कर्मचारी संघ की तरफ से पत्र के माध्यम से किये गए अनुरोध में कहा गया कि, भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (IREF) आपसे अनुरोध करता है कि, सभी रेलवे कर्मचारियों के लिए प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस की कैलकुलेशन सातवें वेतन आयोग की सैलरी के अनुसार करें। इससे आने वाले त्योहार को खुशी से मनाया जा सकेगा और रेलवे को ऑपरेट करने और मेंटीनेंस में अपना अहम योगदान जारी रख सकेंगे।
PLB की कैलकुलेशन करना अन्याय
भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (IREF) के राष्ट्रीय महासचिव सर्वजीत सिंह ने बताया कि, मौजूदा बोनस छठे वेतन आयोग के मुताबिक, न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये महीने के हिसाब से है। लेकिन, सातवें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये है। यह रेलवे कर्मचारियों को 1 जनवरी, 2016 से मिल रहा है। उन्होंने कहा कि, 7 हजार रुपये मिनिमम सैलरी के आधार पर PLB की कैलकुलेशन करना कर्मचारियों के साथ अन्याय है।
रेलवे की आमदनी में जबरदस्त इजाफा
कई IREF मेंबर ने कहा कि, कोविड महामारी में देशव्यापी तालाबंदी के दौरान जब लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे थे, उस समय रेलवे कर्मचारियों ने ट्रेनों का आवागमन सुनिश्चित किया। तिमाही रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि, इसके बाद रेलवे की आमदनी में जबरदस्त वृद्धि हुई है। बता दें रेलवे की तरफ से कोविड के दौरान सीनियर सिटीजन को दिया जाने वाली छूट बंद करने का असर रेलवे के प्रॉफिट पर पड़ा है।