नयी दिल्ली, चार जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने फरवरी 2024 में सुरक्षा बलों पर हुए नक्सली हमले की जांच के सिलसिले में शनिवार को झारखंड के बोकारो जिले में कई ठिकानों पर छापेमारी की।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, एनआईए की टीमों ने आठ जगहों पर संदिग्धों और नक्सलियों के सहयोगियों के परिसरों की तलाशी ली तथा लैपटॉप, मोबाइल फोन व मेमोरी कार्ड जैसे डिजिटल उपकरणों के साथ-साथ सिम कार्ड, पॉकेट डायरी और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए।
बयान में कहा गया है कि जिन संदिग्धों और नक्सली सहयोगियों के परिसरों की तलाशी ली गई, वे प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के सदस्यों से जुड़े थे और रसद सहायता प्रदान करने के साथ-साथ रंगदारी वसूलने में उनकी मदद करते थे।
यह मामला भाकपा (माओवादी) के नेताओं और कैडर की गैरकानूनी गतिविधियों और बोकारो के चतरो-चट्टी पुलिस थाने के वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर हमले से जुड़ा हुआ है।
घटना के दिन प्रतिबंधित संगठन के कमांडरों ने वारदात को अंजाम देने, युवाओं की भर्ती करने, रंगदारी वसूलने और सुरक्षा बलों पर हमले की साजिश रचने के लिए 15-20 नक्सली कैडर के साथ वन क्षेत्र (सुंदरी पहाड़ी) में डेरा डाला था।
आधिकारिक बयान के अनुसार, झारखंड पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की टीम ने खुफिया जानकारी के आधार पर तलाशी अभियान शुरू किया था, जिस दौरान नक्सलियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी थी।
बयान में कहा गया है कि सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की, लेकिन नक्सली घने जंगलों का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहे।
इसमें कहा गया है कि हालांकि, तलाशी अभियान के दौरान डिजिटल उपकरण, नक्सली साहित्य और अन्य आपत्तिजनक लेख बरामद हुए, जिनके आधार पर स्थानीय पुलिस ने प्रारंभिक मामला दर्ज किया।
जून 2024 में एनआईए ने घटना की जांच अपने हाथ में ले ली थी।
भाषा पारुल सुरेश
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