अमेरिका में दिया गया राहुल बयान सही, इससे नफरत की राजनीति पर अंकुश लगेगा: सिख संगठन

अमेरिका में दिया गया राहुल बयान सही, इससे नफरत की राजनीति पर अंकुश लगेगा: सिख संगठन

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  • Publish Date - September 25, 2024 / 05:41 PM IST,
    Updated On - September 25, 2024 / 05:41 PM IST

नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में की गई टिप्पणी को लेकर खड़े हुए हालिया राजनीतिक विवाद के बीच एक सिख संगठन ने कांग्रेस नेता के वक्तव्य का बुधवार को समर्थन किया और कहा कि उन्होंने देश में एकरूपता थोपने वाली विचारधारा को खारिज किया है।

‘केंद्री श्री गुरू सिंह सभा’ के प्रमुख शाम सिंह और संगठन के कुछ अन्य पदाधिकारियों ने संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि राहुल गांधी ने जिस विचार को आगे बढ़ाया है उससे नफरत की राजनीति, सांप्रदायिकता और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने पर अंकुश लगेगा।

उन्होंने केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू के बयान का आलोचना करते हुए कहा कि कोई सिख इस तरह की टिप्पणी नहीं कर सकता और इस तरह से धमकी भी नहीं दे सकता।

बिट्टू ने राहुल गांधी को ‘नंबर एक आतंकवादी’ बताया था।

शाम सिंह ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि राहुल गांधी ने देश में एकरूपता थोपने की आरएसएस की विचारधारा को खारिज किया है…राहुल गांधी ने सही दिशा पकड़ी है जो अब तक भारतीय राजनीति में नहीं देखने को मिलता था। इससे नफरत की राजनीति, सांप्रदायिकता और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने पर अंकुश लगेगा।’’

उनके मुताबिक, राहुल गांधी ने अमेरिका में दिए अपने बयान से सिख समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का समर्थन किया है।

राहुल गांधी ने हाल ही में वाशिंगटन डीसी में भारतीय अमेरिकियों की सभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है। उन्होंने कहा था कि भारत में राजनीति के लिए नहीं, बल्कि इसी बात की लड़ाई लड़ी जा रही है।

गांधी ने वहां पहली पंक्ति में दर्शकों के बीच बैठे एक सिख व्यक्ति से पूछा था, ‘‘मेरे पगड़ीधारी भाई, आपका क्या नाम है?’’

कांग्रेस नेता ने कहा था, ‘‘लड़ाई इस बात की है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने का अधिकार है या नहीं। या एक सिख के रूप में वह गुरुद्वारे जा सकते हैं या नहीं। लड़ाई इसी बात के लिए है और यह सिर्फ उनके लिए ही नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए है।’’

भाषा हक हक माधव

माधव