कांग्रेस के उभार में राहुल गांधी ने निभाई बड़ी भूमिका: दीपांकर भट्टाचार्य

कांग्रेस के उभार में राहुल गांधी ने निभाई बड़ी भूमिका: दीपांकर भट्टाचार्य

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  • Publish Date - June 22, 2024 / 08:37 PM IST,
    Updated On - June 22, 2024 / 08:37 PM IST

नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा है कि इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के फिर से उभार में पार्टी के कायापलट का महत्वपूर्ण योगदान है और इसमें राहुल गांधी ने बड़ी भूमिका निभाई है।

‘पीटीआई’ मुख्यालय में एजेंसी के संपादकों के साथ एक साक्षात्कार में भाकपा (माले) लिबरेशन के नेता ने यह भी कहा कि कांग्रेस का फिर से उभार भारतीय लोकतंत्र के लिए ‘‘बहुत महत्वपूर्ण’’ है।

कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव में 99 सीट जीतीं, जो 2019 में उसे मिलीं 52 सीट से से लगभग दोगुनी हैं और उसका वोट शेयर 22.34 प्रतिशत रहा, जो 2019 में 19.49 रहा था।

भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘अगर इसे सही परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो इस बार कांग्रेस ने संभवतः 2019 की तुलना में या आमतौर पर जितनी सीट पर चुनाव लड़ा था, उससे 100 सीट कम पर चुनाव लड़ा। इसलिए, यह वोट प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से यह भाजपा के लिए झटका है और कांग्रेस के लिए यह बड़ी वापसी है। निश्चित रूप से राहुल गांधी ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है।’’ भट्टाचार्य ने कहा कि कांग्रेस के फिर से उभार ने आरक्षण, जाति जनगणना जैसे मुद्दों को उठाया, साथ ही ‘क्रोनी कैपिटलिज्म’ (सांठगांठ वाला पूंजीवाद) का भी संदर्भ दिया।

वामपंथी नेता ने कहा, ‘‘इसलिए, फिर से इस उभार में पार्टी के कायापलट का महत्वपूर्ण योगदान भी शामिल है। मुझे लगता है कि कांग्रेस यही करने की कोशिश कर रही है। उदाहरण के लिए, जाति जनगणना, आरक्षण का पूरा विचार, ये सभी ऐसे मुद्दे हैं जिनके बारे में कांग्रेस कभी मुखर नहीं रही।’’

भट्टाचार्य ने कहा कि इससे पहले, कांग्रेस इन मुद्दों पर अपना रुख अपनाती थी और संभवतः अन्य दलों के साथ मिलकर काम करती थी ‘‘लेकिन उन्होंने कभी भी इन मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभाने या अधिक मुखर होने का प्रयास नहीं किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह, एक और बड़ा मुद्दा है। कोई भी इसके बारे में बात नहीं करता है। अडाणी-अंबानी और क्रोनी कैपिटलिज्म की बात। यह भी एक ऐसी बात है जिसके बारे में कांग्रेस के सभी नेता बात नहीं कर रहे हैं। न ही कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारें वास्तव में इसके बारे में बात कर रही हैं।’’

राहुल गांधी ने कई अवसरों पर प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार पर हमला करने तथा ‘क्रोनी कैपिटलिज्म’ का आरोप लगाने के लिए ‘‘अडाणी-अंबानी’’ शब्द का इस्तेमाल किया, जो कारोबारी गौतम अडाणी और मुकेश अंबानी को संदर्भित करता है।

भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘राहुल गांधी इसके बारे में बात करते रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस का फिर से उभार भारत में लोकतंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह इस समय भाजपा के बाद एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर उपस्थिति है। मेरा मतलब है कि हम सभी अपनी विचारधारा और कार्यक्रम के संदर्भ में राष्ट्रीय दल हैं। लेकिन हमारी उपस्थिति कुछ राज्यों तक ही सीमित है।’’ उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस और राहुल गांधी को शुभकामनाएं देते हैं।

भाजपा द्वारा कांग्रेस के खिलाफ वंशवाद के हमलों के बारे में पूछे जाने पर, जो कि प्रियंका गांधी के केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने के बाद और भी तेज होने की संभावना है, भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा का कांग्रेस को भ्रष्टाचार से जोड़ने का तर्क गलत है। उन्होंने कॉरपोरेट जगत में वंशवाद की ओर भी इशारा किया और कहा कि इस पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत में वंशवाद की यह पूरी बात, मैं वास्तव में इसे समझ नहीं पाता। मेरा मतलब है कि भाजपा ने निश्चित रूप से इसे एक तरह का अपराध बना दिया है और ऐसा दिखाया जाता है कि भाजपा इससे मुक्त है।’’

भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘उन्होंने इसे भ्रष्टाचार से जोड़ने की कोशिश की है। मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही दोषपूर्ण तर्क है। उदाहरण के लिए, यदि आप वंशवाद के बारे में बात कर रहे हैं, तो सबसे पहले आपको कॉरपोरेट जगत में वंशवाद के बारे में बात करनी चाहिए, जहां आपके पास बहुत सारी संपत्ति और धन का पूरा वंशवाद है। यहीं पर वंशवाद की जांच होनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि वंशवाद लगभग हर पेशे में मौजूद है। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे आप न्यायपालिका की बात करें या चिकित्सा पेशे की, आप पाएंगे कि इसमें एक तरह की वंशवादी विरासत है। इसलिए, इसीलिए मुझे इसे अलग करना गलत लगता है। और यह पूरा भ्रष्टाचार तथा वंशवाद की बात, यह जुड़ाव, मुझे लगता है कि यह फिर से पूरी तरह से निराधार है।’’

भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार सत्ता से जुड़ा हुआ है। अगर सत्ता निरंकुश, अनियंत्रित हो जाती है, तो निश्चित रूप से सत्ता के गलियारों में भ्रष्टाचार होगा। इसलिए, भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एकमात्र तरीका जांच और संतुलन रखना है।’’

भाकपा (माले) लिबरेशन के नेता यह भी कहा कि भाजपा नेहरू-गांधी परिवार पर उंगली उठाती है, लेकिन मेनका गांधी और वरुण गांधी के पार्टी में होने के कारण वह भी इसका हिस्सा है।

भाषा आशीष नेत्रपाल

नेत्रपाल