Rahul Gandhi on Lateral Entry UPSC : नई दिल्ली। केंद्र के अलग अलग विभागों में लेटरल एंट्री की प्रक्रिया से दी जाने वाली नियुक्तियों के खिलाफ लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और सांसद राहुल गांधी ने फिर से मोर्चा खोल दिया हैं। उन्होंने एक्स पर किये गए ट्वीट पर कहा हैं कि, संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे। भाजपा की ‘लेटरल एंट्री’ जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखाएंगे। मैं एक बार फिर कह रहा हूं – 50% आरक्षण सीमा को तोड़ कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे। जय हिन्द।’
संविधान और आरक्षण व्यवस्था की हम हर कीमत पर रक्षा करेंगे।
भाजपा की ‘लेटरल एंट्री’ जैसी साजिशों को हम हर हाल में नाकाम कर के दिखाएंगे।
मैं एक बार फिर कह रहा हूं – 50% आरक्षण सीमा को तोड़ कर हम जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे।
जय हिन्द।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 20, 2024
गौरलतब हैं कि इसी महीने के 17 तारीख को संघ लोकसेवा आयोग ने सीनियर अफसरों की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी की थी। इसमें कुल पदों की संख्या 45 है। ये पद लेटरल एंट्री से भरे जाएंगे यानी ये यूपीएससी की ज़्यादातर भर्ती परीक्षाओं की तरह एंट्री लेवल पर न होकर सीधे उच्च पदों में भर्ती के लिए हैं। 45 पदों में 10 संयुक्त सचिव और 35 निदेशक और उप-सचिव के पद हैं। इनकी नियुक्तियां केंद्र सरकार के 24 मंत्रालयों में की जानी थी। लेटरल एंट्री के इन पदों का नोटिफिकेशन आते ही विवाद छिड़ गया। वही अब केंद्र ने अपने इस फैसले पर रोलबैक करते हुए इसे वापस ले लिया हैं। बावजूद इसके विपक्षी पार्टियां सरकार पर आरोप लगा रही हैं कि सरकार लेटरल एंट्री के ज़रिए आरक्षण को दरकिनार कर रही है।
Rahul Gandhi on Lateral Entry UPSC लेटरल एंट्री की परिकल्पना किसी विभाग में उस क्षेत्र के एक्सपर्ट की नियुक्ति से जुड़ी है। जिन्हें आईएएस जैसी परीक्षा नहीं देनी होती है और उनकी नियुक्ति सीधे होती है। हां, चूंकि वे संबंधित विषय के एक्सपर्ट होते हैं, इसलिए उनके पास पर्याप्त शिक्षा और विशेषज्ञता होती है। ये एक्सपर्ट अनुभवी व्यक्ति होते हैं और इनकी नियुक्ति काॅन्ट्रैक्ट पर तीस से पांच साल के लिए होती है। इंटरव्यू लेकर इनका चयन किया जा रहा है।