नीतीश कुमार जाति आधारित जनगणना का मुद्दा उठाते थे तो राहुल चुप्पी साध लेते थे: जद(यू)

नीतीश कुमार जाति आधारित जनगणना का मुद्दा उठाते थे तो राहुल चुप्पी साध लेते थे: जद(यू)

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  • Publish Date - January 19, 2025 / 02:17 PM IST,
    Updated On - January 19, 2025 / 02:17 PM IST

नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) जनता दल (यूनाइटेड) ने जाति आधारित जनगणना के मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर ‘ढोंग’ करने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों की बैठकों में इस मामले को उठाते थे तब कांग्रेस नेता चुप्पी साध लेते थे।

पार्टी ने यह भी सवाल उठाया कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राज्य की जाति आधारित जनगणना का आंकड़ा क्यों नहीं जारी किया?

दरअसल एक दिन पहले गांधी ने पटना में एक कार्यक्रम में कुमार के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा किए गए जाति आधारित सर्वेक्षण को फर्जी बताया था और देशभर में जाति आधारित जनगणना की वकालत की थी। इसके बाद जद(यू) के कार्यकारी अध्यक्ष एवं सांसद संजय झा ने कांग्रेस नेता पर निशाना साधा है।

झा ने ‘पीटीआई-भाषा’ कहा, ‘‘इससे बड़ा पाखंड कुछ और नहीं हो सकता। कई जगहों पर ‘इंडिया’ के घटक दलों की बैठकों में मैंने गांधी (राहुल) को चुप्पी साधे देखा था, जबकि कुमार जाति आधारित जनगणना के पक्ष में दृढ़ता से तार्किक बातें बोल रहे थे।’’

कुमार की जद(यू) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाने से पहले ‘इंडिया’ में शामिल थी।

संयोग से बिहार का जाति आधारित सर्वेक्षण उस समय किया गया और उसके निष्कर्ष जारी किए गए जब कांग्रेस, कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में सहयोगी थी।

झा ने कहा कि कुमार एकमात्र नेता थे जिन्होंने जाति आधारित जनगणना का मुद्दा उठाया था और ‘इंडिया’ के घटक दल के सभी सदस्य इसके गवाह हैं।

बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि 1931 में अंतिम बार देशव्यापी जाति आधारित जनगणना हुई थी इसके बाद से कुमार एकमात्र नेता हैं जिन्होंने वैज्ञानिक तरीके से विभिन्न जातियों की आबादी की जनगणना करने का फैसला किया।

राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता को ज्यादा स्पष्ट होना चाहिए और लोगों को बताना चाहिए कि क्या उन्हें लगता है कि बिहार के जाति आधारित सर्वेक्षण में कुछ समुदायों की आबादी अधिक और कुछ की कम बताई गई है।

कांग्रेस की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि कर्नाटक में उसकी सरकार कई वर्षों से राज्य में जाति आधारित गनगणना के आंकड़ों को दबाए बैठी है।

उन्होंने पूछा कि गांधी ने इसे जारी क्यों नहीं कराया?’’

भाषा खारी शोभना

शोभना