मुंबई। QR Code Wala Locket:आज के समय में टेक्नोलॉजी ने समाज में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। यह उपयोग अच्छे या बुरे किसी भी उद्देश्य के लिए किया जाता है। आज के समय में टेक्नोलॉजी ने दुनिया का रूप रेखा ही बदल कर रख दी है। ऐसा ही एक मामला मुंबई के वर्ली से सामने आया है जहां एक दिव्यांग लापता बच्चे को सिर्फ कुछ ही घंटो में बच्चा के गले में लटके लॉकेट के क्यूआर कोड से उसके घर पहुंचा गया। इसे जिसने भी सूना वह हैरान रह गया।
दरअसल यह पूरा मामला मुंबई के वर्ली का है। जहां एक 12 साल का दिव्यांग लड़का इसके बाद में शाम को कोलाबा में उसका पता लगाया गया। बच्चे के गले में लटके लॉकेट के क्यूआर कोड को स्कैन किया गया, तो परिजनों का पता और फोन नंबर मिल गया। इसके बाद उसके परिजनों से संपर्क साधा गया।
मानसिक रूप से था दिव्यांग
QR Code Wala Locket: पुलिस ने बताया कि लड़के की पहचान विनायक कोली के रूप में हुई है। विनायक वर्ली इलाके से खेलते-खेलते बस में बैठ गया और बस में ही निकल पड़ा। बाद में कंडक्टर ने पुलिस से संपर्क किया। बच्चा मानसिक रूप से दिव्यांग है। उसके गले में एक पेंडेंट वाला लॉकेट है। इस लॉकेट में एक क्यूआर कोड भी अंकित है। क्यूआर कोड में बच्चे के परिजनों से संपर्क करने की जानकरी लिंक थी जिसे स्कैन करते ही बच्चे के घर का पता और नबंर दोनों मिल गया। जिसके बाद पुलिस ने बच्चे को छह घंटे बाद अपने परिवार के पास लौट आया।
▶️मुंबई : दिव्यांग लापता बच्चा गले में लटके लॉकेट के क्यूआर कोड से पहुंचा घर
▶️ बच्चे के गले में लटके लॉकेट के QR कोड को स्कैन किया गया
▶️जिससे परिजनों का पता और फोन नंबर मिल गया
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