प्रयागराज, आठ नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जनवरी, 2025 में संगम पर लगने जा रहे विश्व के सबसे बड़े धार्मिक समागम में स्वच्छता पर विशेष जोर देते हुए मेला प्रशासन ने शौचालयों की सफाई के लिए पहली बार क्यूआर कोड निगरानी प्रणाली अपनाई है।
विशेष कार्याधिकारी (कुम्भ मेला) आकांक्षा राणा के मुताबिक, “पूरे मेला क्षेत्र में डेढ़ लाख से अधिक शौचालय स्थापित किए जा रहे हैं जिनकी साफ सफाई सुनिश्चित करने के लिए पहली बार क्यूआर कोड आधारित निगरानी प्रणाली अपनाई जा रही है।”
उन्होंने बताया कि क्यूआर कोड आधारित निगरानी प्रणाली के माध्यम से शौचालयों में स्वच्छता का सर्वेक्षण किया जाएगा और ऐप के माध्यम से जिन शौचालयों में गंदगी की जानकारी मिलेगी उसे चंद मिनटों में साफ कर दिया जाएगा।
राणा ने बताया कि यही नहीं, सफाई के लिए जेट स्प्रे क्लीनिंग सिस्टम भी अपनाया जाएगा, ताकि हाथ से सफाई की आवश्यकता न पड़े। वहीं, सेप्टिक टैंक को खाली करने के लिए भी सेसपूल ऑपरेशन की योजना तैयार कर ली गई है।
क्यूआर कोड आधारित निगरानी प्रणाली के बारे में उन्होंने बताया कि इन सभी शौचालयों की निगरानी का दायित्व 1500 गंगा सेवा दूतों को सौंपा गया है, जो सुबह-शाम एक-एक शौचालय की जांच करेंगे और आईसीटी ऐप से प्रत्येक शौचालय पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करेंगे और उस ऐप में दिए गए सवालों के जवाब हां या ना में देंगे।
राणा ने बताया कि इन सवालों में शौचालय साफ है या नहीं, शौचालय का दरवाजा टूटा तो नहीं है, पर्याप्त पानी की मात्रा है या नहीं, जैसे सवाल होंगे। इन सवालों का जवाब देकर फार्म जमा करते ही यह कंट्रोल रूम पर पहुंच जाएगा। जिन शौचालयों में सफाई मानक के अनुरूप नहीं होगी, उनका विवरण संबंधित वेंडर के पास चला जाएगा और फिर चंद मिनटों में वेंडर द्वारा शौचालय की सफाई कराई जाएगी।
उन्होंने कहा कि सिर्फ गंगा सेवा दूत ही नहीं, बल्कि आम लोग भी इस ऑनलाइन व्यवस्था के माध्यम से गंदगी के बारे में जानकारी दे सकेंगे।
भाषा
राजेंद्र, रवि कांत
रवि कांत