पंजाब महिला आयोग ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर आरजीएनयूएल के कुलपति को हटाने की मांग की |

पंजाब महिला आयोग ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर आरजीएनयूएल के कुलपति को हटाने की मांग की

पंजाब महिला आयोग ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर आरजीएनयूएल के कुलपति को हटाने की मांग की

:   Modified Date:  September 27, 2024 / 01:03 PM IST, Published Date : September 27, 2024/1:03 pm IST

चंडीगढ़, 27 सितंबर (भाषा) पंजाब राज्य महिला आयोग ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर उनसे पटियाला स्थित राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (आरजीएनयूएल) के कुलपति को उनके ‘अत्यंत अनुचित कृत्यों’ को लेकर पद से तत्काल हटाने का अनुरोध किया है।

विश्वविद्यालय शुक्रवार को खुला। इससे पहले विद्यार्थियों के भारी प्रदर्शन के चलते उसे बंद कर दिया गया था।

विद्यार्थी महिला छात्रावास में छात्राओं की निजता का कथित रूप से उल्लंघन करने को लेकर कुलपति जयशंकर सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं तथा उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

विद्यार्थियों के अनुसार कुलपति ने महिला छात्रावास का कथित रूप से औचक निरीक्षण किया था तथा छात्राओं के पहनावे को लेकर सवाल उठाया था, इस तरह उन्होंने उनकी निजता भंग की थी।

हालांकि कुलपति ने विद्यार्थियों के आरोपों से इनकार किया है। विद्यार्थी 22 सितंबर से विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन कर रहे हैं।

बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति को भेजे पत्र में पंजाब महिला आयोग की अध्यक्ष राज लाली गिल ने लिखा कि मीडिया में आयी खबरों एवं विद्यार्थियों की शिकायत के बाद आयोग ने राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (पटियाला) के कुलपति से संबद्ध हालिया घटना का स्वत: संज्ञान लिया है।

आयोग ने कहा, ‘‘ 25 सितंबर 2024 को आयोग ने विश्वविद्यालय का दौरा किया, विश्वविद्यालय के अधिकारियों, जिला प्रशासन और प्रभावित विद्यार्थियों से मुलाकात की। यह दौरा 22 सितंबर को हुई एक घटना के आलोक में हुआ था। कुलपति ने 22 सितंबर को छात्रावास वार्डन और विद्यार्थियों को सूचित किये बिना महिला छात्रावास का अघोषित निरीक्षण किया था।’’

गिल ने कहा, ‘‘ इस निरीक्षण के दौरान, उन्होंने न केवल छात्राओं के कमरों में प्रवेश किया, बल्कि उनके पहनावे के बारे में अनुचित और अपमानजनक टिप्पणी भी की तथा सुझाव दिया कि उन्हें कुछ खास प्रकार के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘इस आचरण से छात्राओं में काफी तनाव पैदा हो गया है और इसे उनकी निजता एवं गरिमा का उल्लंघन माना गया है।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘आयोग ने कुलपति के कार्यों को अत्यधिक अनुचित तथा उनकी प्रशासनिक भूमिका का स्पष्ट उल्लंघन पाया है। उनके व्यवहार से छात्राओं की सुरक्षा, सम्मान एवं अधिकारों के संबंध में गंभीर चिंताएं उत्पन्न हुई हैं तथा इससे विश्वविद्यालय के नेतृत्व में उनका विश्वास खत्म हो गया है।’’

अध्यक्ष ने कहा कि उपरोक्त बातों के मद्देनजर आयोग विश्वविद्यालय में सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल बहाल करने के लिए प्रोफेसर सिंह को उनके वर्तमान पद से हटाने के लिए राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने की सिफारिश करता है।

कुलपति ने कहा था कि कुछ छात्राओं ने शिकायत की थी कि उन्हें जगह की कमी के कारण कमरों में अपनी मेज और आलमारी रखने में परेशानी हो रही है जिसके बाद वह इन शिकायतों को दूर करने के लिए छात्रावास गए थे।

कुलपति ने कहा था कि वह महिला ‘चीफ वार्डन’ और महिला सुरक्षा गार्डों के साथ उनके अनुरोध पर उनकी समस्याओं को दूर करने गए थे। सिंह ने कहा था कि उन्होंने लड़कियों के पहनावे के बारे में कुछ नहीं कहा।

भाषा

राजकुमार नरेश

नरेश

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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