दिवंगतों की आदमकद प्रतिमा बनाकर परिजनों की मदद कर रहे पंजाब के मूर्तिकार

दिवंगतों की आदमकद प्रतिमा बनाकर परिजनों की मदद कर रहे पंजाब के मूर्तिकार

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  • Publish Date - November 28, 2024 / 05:08 PM IST,
    Updated On - November 28, 2024 / 05:08 PM IST

चंडीगढ़, 28 नवंबर (भाषा) पठानकोट निवासी रेशम शर्मा का मानना ​​है कि उनके दादा आज भी उनके साथ हैं, जिनका तीन साल पहले निधन हो गया था। उन्होंने अपने गांव में परिवार के स्वामित्व वाले एक खेत में अपने दादा की एक आदमकद प्रतिमा स्थापित की है।

शर्मा के दादा चिरंजीलाल ने संघर्ष और कड़ी मेहनत का जीवन जिया और उनका 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया। शर्मा का कहना है कि कार्बन फाइबर की उक्त प्रतिमा पूरे परिवार के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

समा गांव के निवासी शर्मा ने कहा, ‘‘मेरे दादा भूमिहीन थे और उनके पास बस कुछ मवेशी थे। उन्होंने कड़ी मेहनत की और 20 एकड़ कृषि भूमि के मालिक बने। हमने उनकी एक प्रतिमा बनवाई है ताकि हमारे बच्चे उनके कठिन परिश्रम को न भूलें।’’

शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जब हम उनकी प्रतिमा को देखते हैं, तो हमें लगता है कि वह अब भी हमारे आस-पास हैं और उनका आशीर्वाद हमारे साथ है।’’ उन्होंने कहा कि विशेष रूप से उनकी दादी प्रतिमा को देखकर अकसर भावुक हो जाती हैं।

प्रतिमा मोगा के मूर्तिकार इकबाल सिंह ने बनाई है। सिंह ने कहा कि उन्हें पंजाब और बाहर के कई परिवारों से प्रतिमा बनाने के ऑर्डर मिल रहे हैं, जो अपने दिवंगत प्रियजनों की प्रतिमा बनवाना चाहते हैं।

सिंह ने सावधानीपूर्वक बनाई जाने वाली प्रतिमाओं के माध्यम से व्यक्तियों को अमर बनाने की अपनी असाधारण क्षमता के लिए व्यापक प्रशंसा अर्जित की है। उन्होंने सैनिकों और पुलिसकर्मियों के अलावा गायक सिद्धू मूसेवाला की प्रतिमा भी बनाई है। सिद्धू मूसेवाला की 2022 में हत्या कर दी गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘कई परिवार अपने दादा-दादी की आदमकद प्रतिमा बनवा रहे हैं, जिनका निधन हो चुका है।’’

सिंह ने कहा कि वह पिछले 23 वर्षों से प्रतिमाएं बना रहे हैं। वह कार्बन फाइबर की प्रतिमा बनाते हैं और एक प्रतिमा बनाने में कम से कम दो महीने लगते हैं।

संगरूर निवासी मनप्रीत सिंह ने भी अपनी मां की आदमकद प्रतिमा बनवाई है जिनका इस साल जनवरी में निधन हो गया था।

भाषा अमित नेत्रपाल

नेत्रपाल