चंडीगढ़। navjot singh sidhu speech called drama: पंजाब कांग्रेस की कलह थमती हुई नजर नहीं आ रही है, विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद नवजोत सिंह सिद्धू पर पार्टी के नेता जमकर भड़ास निकाल रहे हैं। गुरुवार को एक विरोध सभा में एक सहयोगी ने नवजोत सिंह सिद्धू को चुनौती दी कि अगर उन्हें लगता है कि पार्टी में कोई गलत काम में शामिल है तो उसका नाम लिया जाए।
navjot singh sidhu speech called drama: पार्टी के लिए शर्मनाक स्थिति तब पैदा हुई जब पंजाब कांग्रेस यूथ प्रमुख ब्रिंदर सिंह ढिल्लों ने पंजाब कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के पूर्व चीफ सिद्धू को उनके भाषण के दौरान बीच में ही रोक दिया।
सिद्धू चंडीगढ़ में पंजाब कांग्रेस भवन के बाहर पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में लगातार वृद्धि को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
read more: अमेरिकी प्रस्ताव पारित, बूचा नरसंहार पर UNHRC से रूस सस्पेंड, भारत समेत 58 देशों ने वोटिंग से बनाई दूरी
उन्होंने कहा कि अगर कोई अपना खुद का खजाना भरता है, तो इससे किसी का भला नहीं होगा। सिद्धू ने कहा, “आप कितने भी संबोधन क्यों ने दें, कुछ भी नहीं होगा।” उन्होंने कहा कि अगर किसी कांग्रेस कार्यकर्ता के खिलाफ कोई “झूठी” प्राथमिकी दर्ज की जाती है तो वह स्टैंड लेने वाले पहले व्यक्ति होंगे।
उन्होंने कहा, “लेकिन अगर किसी के घर से पैसे बरामद होते हैं, तो मैं उसके साथ खड़ा नहीं रहूंगा। क्योंकी चोरन नाल नहीं खड़ना (चोरों के साथ नहीं खड़ा होना है।) मैं किसी पर उंगली नहीं उठाऊंगा। मेरे खिलाफ सौ लोगों ने बात की होगी लेकिन सिद्धू ने कभी किसी कांग्रेस कार्यकर्ता के खिलाफ नहीं बोला।”
read more: मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों से पहले शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव
इसी दौरान ढिल्लों ने खड़े होकर जोर से चिल्लाते हुए सिद्धू को टोक दिया। उन्होंने कहा, “सिद्धू साहब, आप जो कर रहे हैं वह गलत है। नाम क्यों नहीं लोगे, क्यों नहीं नाम लाओगे?”
उन्होंने सिद्धू से उन लोगों का नाम लेने का अनुरोध किया, जो उन्हें लगता है कि भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उन्होंने कहा, “अगर कुछ गलत है तो उसे बताओ, और अगर कुछ सही है तो वह भी कहो।”
ढिल्लों ने सिद्धू से कहा कि यदि वह नाम नहीं लेंगे तो इसका मतलब होगा कि वह केवल “नाटक” कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “फिर तुसी ड्रामा कर रहे हो।” अपने पार्टी कार्यकर्ता के गुस्से ने सिद्धू को अपना संबोधन बीच में बंद करने के लिए विवश कर दिया।