प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने मुख्य सचिव को ईमेल भेजा, ‘अनसुलझे’ मुद्दों पर बैठक की मांग की

प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने मुख्य सचिव को ईमेल भेजा, ‘अनसुलझे’ मुद्दों पर बैठक की मांग की

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  • Publish Date - September 18, 2024 / 02:43 PM IST,
    Updated On - September 18, 2024 / 02:43 PM IST

कोलकाता, 18 सितंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों ने बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत को ईमेल भेजकर अस्पतालों में सुरक्षा जैसे कुछ महत्वपूर्ण ‘‘अनसुलझे मुद्दों’’ को सुलझाने के लिए चर्चा की मांग की। ये मुद्दे धरना खत्म करने की उनकी पूर्व शर्त के रूप में शामिल हैं।

चिकित्सकों ने बुधवार सुबह खत्म हुई अपने शासी निकाय की बैठक के संदर्भ में पूर्वाह्न 11 बजकर 19 मिनट पर ईमेल भेजा था।

चिकित्सकों ने सरकारी अस्पताल परिसरों के अंदर रक्षा एवं सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए प्रस्तावित बैठक के एजेंडे में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विशेष कार्य बल के गठन के वादे तथा इसका विवरण शामिल किए जाने का जिक्र किया।

अपने ईमेल में उन्होंने लिखा, ‘‘मुख्यमंत्री के साथ हमारी पिछली बैठक के संदर्भ में हम दोहराना चाहेंगे कि हमारी पांच सूत्री मांगों के संबंध में कुछ प्रमुख बिंदु थे जिनका समाधान नहीं हो पाया। खास तौर पर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के विकास, सुरक्षा, रक्षा और मौजूदा धमकी भरे माहौल की संस्कृति से संबंधित हमारे चौथे और पांचवें मुद्दे का समाधान नहीं हो पाया है।’’

अब तक मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने वार्ता के अनुरोध पर अभी कोई जवाब नहीं दिया है।

सोमवार रात मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में उनके कालीघाट स्थित आवास पर चिकित्सकों और सरकार के बीच हुई बैठक के विवरण में चिकित्सकों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं के समाधान के लिए उठाए गए कदम के तहत एक कार्य बल गठित करने की आपसी सहमति की पुष्टि की गई। चिकित्सकों ने सरकारी अस्पतालों के सत्ता गलियारों में कुछ खास तबकों से छात्रों और प्रशिक्षुओं को ‘निशाना बनाने, उन्हें धमकी देने के मौजूदा माहौल’ पर चिंता जताई थी।

बैठक के विवरण में छठे बिंदु का जिक्र करते हुए कहा गया है, ‘‘अस्पतालों और कॉलेज परिसरों में रक्षा और सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। राज्य सरकार ने गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और कोलकाता के पुलिस आयुक्त (सीपी) सहित मुख्य सचिव तथा कनिष्ठ चिकित्सकों द्वारा प्रस्तावित प्रतिनिधियों की अगुवाई में एक कार्य बल के गठन का प्रस्ताव दिया, जो संबंधित मामलों को देखेगा।’’

चिकित्सकों ने ईमेल में लिखा है, ‘‘इस संबंध में हम आज आपके और कार्यबल के अन्य सदस्यों के साथ बैठक करना चाहते हैं। हमें आपके सकारात्मक जवाब का बेसब्री से इंतजार है।’’

मुख्यमंत्री के चिकित्सकों से अपना ‘काम रोको’ अभियान वापस लेने और ड्यूटी पर लौटने के बार बार अनुरोध के बावजूद उनका अभियान लगातार 40वें दिन जारी है।

आरजी कर अस्पताल से नौ अगस्त को एक प्रशिक्षु चिकित्सका का शव बरामद होने के बाद से चिकित्सकों ने काम काज रोक रखा है। प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने वार्ता की शर्तों के पूरा होने तक राज्य स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय ‘स्वास्थ्य भवन’ के बाहर अपना धरना जारी रखने की घोषणा की है।

‘स्वास्थ्य भवन’ के बाहर धरना पिछले नौ दिन से जारी है।

चिकित्सकों की पूर्व मांगों को मानते हुए बनर्जी ने कोलकाता पुलिस प्रमुख विनीत गोयल को हटाकर उनकी जगह मनोज कुमार वर्मा को नियुक्त किया है और स्वास्थ्य विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों को भी हटा दिया है।

चिकित्सकों ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव एन. एस. निगम को भी हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सोमवार की बैठक में उन्हें मौखिक रूप से इसका आश्वासन दिया था लेकिन इस संबंध में ‘‘अब तक कोई कदम’’ नहीं उठाया गया है।

भाषा सुरभि नरेश

नरेश