अभियोजकों की नियुक्ति योग्यता के आधार पर हो, राजनीतिक कारकों से नहीं : न्यायालय

अभियोजकों की नियुक्ति योग्यता के आधार पर हो, राजनीतिक कारकों से नहीं : न्यायालय

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  • Publish Date - January 29, 2025 / 09:30 PM IST,
    Updated On - January 29, 2025 / 09:30 PM IST

नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकारों द्वारा उच्च न्यायालयों में सरकारी वकीलों की नियुक्ति ‘राजनीतिक आधार पर’ करने की प्रथा की बुधवार को निंदा की और कहा कि पक्षपात और भाई-भतीजावाद के कारण योग्यता से समझौता होता है।

न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कहा कि बचाव पक्ष के वकील और सरकारी वकील का यह कर्तव्य है कि अगर न्यायालय कोई गलती कर रहा है तो उसे सुधारें।

पीठ ने कहा कि विधि अधिकारी ‘रथ के महत्वपूर्ण पहियों’ में से एक हैं, जिन्हें न्यायाधीश गलत काम करने वालों के खिलाफ न्याय सुनिश्चित करने के लिए, मानव होने के पोषित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए चलाते हैं।

उसने कहा, ‘‘न्यायाधीश भी मनुष्य हैं और कई बार वे गलतियां करते हैं। काम के अत्यधिक दबाव के कारण कई बार ऐसी गलतियां हो सकती हैं। साथ ही, बचाव पक्ष के वकील और सरकारी वकील का यह कर्तव्य है कि अगर न्यायालय कोई गलती कर रहा है तो उसे सुधारें और इसके लिए हम राज्य सरकार को जिम्मेदार मानते हैं।’’

पीठ ने कहा, ‘‘यह निर्णय सभी राज्य सरकारों के लिए एक संदेश है कि संबंधित उच्च न्यायालयों में एजीपी और एपीपी की नियुक्ति केवल व्यक्ति की योग्यता के आधार पर की जानी चाहिए।’’

हरियाणा में दर्ज एक आपराधिक मामले में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील पर पीठ का यह फैसला आया।

भाषा वैभव अविनाश

अविनाश