नई दिल्लीः Priyanka targeted Modi government डिजिटल मीडिया को नियंत्रण के दायरे में लाने के इरादे से लाए जा रहे प्रसारण सेवा नियमन विधेयक को लेकर अब देश में सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस ने इसका विरोध करने का ऐलान किया है। इसी बीच अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस बिल को लेकर केंद्र की मोदी और भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट पर कहा है कि भाजपा सरकार ब्रॉडकास्ट बिल लाकर लिखने-बोलने वालों की जुबान पर ताला लगाने की तैयारी कर रही है। यह पूरी तरह अस्वीकार्य है। देश ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने महात्मा गांधी और पं. जवाहर लाल नेहरु के बयानों का भी हवाला दिया है।
Priyanka targeted Modi government दरअसल, महात्मा गांधी ने कहा था कि “हमें सबसे पहले स्वतंत्र अभिव्यक्ति और संगठन के अधिकार को हासिल करना चाहिए और इन अधिकारों की रक्षा जान देकर भी करनी चाहिए।” वहीं 1940 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि ‘प्रेस की आजादी का मतलब यह नहीं होता कि जो चीजें हम छपी हुई देखना चाहें, सिर्फ उन्हीं की अनुमति दें, इस तरह की आजादी से तो कोई अत्याचारी भी सहमत हो जाएगा। नागरिक स्वतंत्रताओं और प्रेस की आजादी का मतलब है कि हम जो चीज न चाहें उनकी भी अनुमति दें और अपनी आलोचना बर्दाश्त करें।’ प्रियंका ने लिखा कि ये दो उदाहरण यह बताते हैं कि हमारे नागरिकों को मिली अभिव्यक्ति और प्रेस की स्वतंत्रता यूं ही नहीं मिली है। इसके लिए वर्षों तक लाखों लोगों ने लड़ाई लड़ी है। नागरिक स्वतंत्रता और प्रेस की आजादी हमारे शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों की महान विरासत है। आजाद भारत के इतिहास में कभी कोई सरकार नागरिकों को मिली स्वतंत्रता को कुचलने के बारे में सोच भी नहीं सकती थी।
उन्होंने लिखा कि आज एक तरफ सत्ता के जोर से पूरे मीडिया को सरकारी भोंपू बना दिया गया है। दूसरी तरफ, भाजपा सरकार ब्रॉडकास्ट बिल लाकर डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया, ओटीटी प्लैटफॉर्म्स और यहां तक कि निजी हैसियत में लिखने-बोलने वालों की जुबान पर ताला लगाने की तैयारी कर रही है। यह पूरी तरह अस्वीकार्य है। देश ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
कांग्रेस ने राजनीतिक पार्टियों के साथ सभी से प्रसारण सेवा नियमन विधेयक के खिलाफ लामबंद होने का आहृवान करते हुए तर्क दिया है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और स्वतंत्र मीडिया के लिए सीधा खतरा है, क्योंकि इसके जरिए व्यक्तिगत कंटेंट बनाने वालों को भी नियमन के दायरे में जकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
“हमें सबसे पहले स्वतंत्र अभिव्यक्ति और संगठन के अधिकार को हासिल करना चाहिए और इन अधिकारों की रक्षा जान देकर भी करनी चाहिए।”
– महात्मा गांधी (यंग इंडिया, 1922)“प्रेस की आजादी का मतलब यह नहीं होता कि जो चीजें हम छपी हुई देखना चाहें, सिर्फ उन्हीं की अनुमति दें, इस तरह की आजादी से…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 5, 2024