नई दिल्लीः Private Employee Pension Amount Latest Update केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू करने की बात कही है। इससे केंद्रीय कर्मचारियों में खुशी की लहर है। कहा जा रहा है कि जल्द ही प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए भी अच्छी खबर आ सकती है। दरअसल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत पेंशन फंड के लिए वेतन सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव है। सूत्रों ने कहा है कि वित्त मंत्रालय जल्द ही श्रम मंत्रालय से मिले प्रस्ताव पर निर्णय ले सकता है। अगर ऐसा होता है तो यह सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी से कम नहीं होगी।
Private Employee Pension Amount Latest Update मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि प्रस्ताव के मुताबिक, वेतन सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये किया जाएगा। इससे निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के पेंशन और EPF योगदान में मदद मिलेगी। EPS वेतन सीमा बढ़कर 21,000 रुपये होने से पेंशन की राशि भी बढ़ेगी। यह रिटायरमेंट पर लोगों की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करेगा। यदि वेतन सीमा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो इसका प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की पेंशन और ईपीएफ योगदान पर कई महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेंगे।
EPS पेंशन की गणना के लिए एक खास फॉर्मूला का इस्तेमाल किया जाता है। ये फॉर्मूला है- औसत सैलरी x पेंशनेबल सर्विस/ 70. बताते चलें कि यहां औसत सैलरी का मतलब कर्मचारी की ‘बेसिक सैलरी’+’महंगाई भत्ता’ होता है। इसके अलावा, अधिकतम पेंशनेबल सर्विस 35 साल होती है। फिलहाल, मौजूदा वेतन सीमा (पेंशन योग्य वेतन) 15,000 रुपये है। अब इन आंकड़ों के साथ गणना करें तो अभी ईपीएस पेंशन 15,000 x 35 / 70 = 7,500 रुपये प्रति महीना होता है।
अगर वेतन सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये कर दिया जाता है तो कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन 21,000 x 35 / 70 = 10,050 रुपये प्रति महीना हो जाएगा। यानी नए नियमों के बाद कर्मचारियों को हर महीने 2550 रुपये एक्स्ट्रा पेंशन मिलेगी। हालांकि, यहां एक बात और ध्यान देने वाली है कि नए नियमों के बाद कर्मचारियों की इन-हैंड सैलरी में थोड़ी कमी आ जाएगी क्योंकि अभी के मुकाबले नए नियम लागू होने के बाद कर्मचारी की सैलरी से EPF और EPS के लिए ज्यादा कटौती होगी।
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