नई दिल्ली। दो दिवसीय रूस दौरे से लौटे प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के लिए बड़ी घोषणा की है,पीएम के मुताबिक भारत, रूस के पूर्वी क्षेत्र में विकास के लिए एक अरब डॉलर का कर्ज देगा।
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सुदूर पूर्वी क्षेत्र विशाल ठंडे साइबेरिया में स्थित है। यह क्षेत्र चीन, मंगोलिया, उत्तर कोरिया के साथ भू सीमा और जापान और अमेरिका के साथ समुद्री सीमा साझा करता है। अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र में चीन और अमेरिका में होड़ लगी रहती है। ऐसे में अपने भू-रणनीतिक महत्व को देखते हुए भारत ने 1992 में व्लादिवोस्तोक में वाणिज्य दूतावास खोला था। ऐसा करने वाला वह दुनिया का पहला देश है।
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मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच दोस्ती केवल राजधानी वाले शहरों में सरकारी वार्ता तक सीमित नहीं है, यह लोगों और करीबी व्यापारिक संबंधों को लेकर भी है। मेरा मानना है कि इस घोषणा से दोनों देशों की आर्थिक कूटनीति को एक नया आयाम मिलेगा।
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समुद्री व्यापार, सामरिक और सुरक्षा के लिहाज से भारत के लिए यह शहर अहम साबित हो सकता है। साथ ही, व्लादिवोस्तोक यूरेशिया और पैसिफिक का संगम है। यह आर्कटिक और उत्तरी सागर रास्ते के लिए नए अवसर खोल सकता है। इसलिए तो प्रधानमंत्री मोदी ने इस क्षेत्र के विकास के लिए 1 अरब डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट देने की घोषणा की है।