राष्ट्रपति का अभिभाषण ‘विकसित भारत’ की दिशा में भारत के बढ़ते कदम को प्रतिध्वनित करता है: मोदी

राष्ट्रपति का अभिभाषण ‘विकसित भारत’ की दिशा में भारत के बढ़ते कदम को प्रतिध्वनित करता है: मोदी

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  • Publish Date - January 31, 2025 / 03:13 PM IST,
    Updated On - January 31, 2025 / 03:13 PM IST

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए दिया गया राष्ट्रपति का अभिभाषण ‘विकसित भारत’ के निर्माण की दिशा में भारत के बढ़ते कदम को प्रतिध्वनित करता है।

उन्होंने यह भी कहा कि उनके संबोधन में एकता और दृढ़ संकल्प की भावना के साथ निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक प्रेरक रोडमैप भी शामिल हैं

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के इस तीसरे कार्यकाल में तीन गुना अधिक गति से काम हो रहा है तथा अर्थव्यवस्था को ‘पॉलिसी पैरालिसिस’ (नीतिगत पंगुता) जैसी परिस्थितियों से उबारने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति दिखाई गई है।

अभिभाषण पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, ‘‘संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति जी का आज का अभिभाषण विकसित भारत के निर्माण की दिशा में हमारे देश के बढ़ते कदम को प्रतिध्वनित करता है। उन्होंने सभी क्षेत्रों में पहलों पर प्रकाश डाला और साथ ही चहुंमुखी और सर्वांगीण विकास के महत्व को रेखांकित किया।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके संबोधन में एक ऐसे भारत के दृष्टिकोण की कल्पना की गई है, जहां युवाओं को फलने-फूलने के सर्वोत्तम अवसर मिले।

उन्होंने कहा कि संबोधन में एकता और दृढ़ संकल्प की भावना के साथ निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ‘प्रेरक रोडमैप’ भी शामिल है।

बजट सत्र की शुरुआत में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ और वक्फ (संशोधन) विधेयक जैसे कानूनों पर तेज गति से कदम बढ़ाया गया है।

मुर्मू ने यह भी कहा कि भारत की विकास यात्रा के इस अमृतकाल को सरकार अभूतपूर्व उपलब्धियों के माध्यम से नयी ऊर्जा दे रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में पिछले दशक में देश की सामूहिक उपलब्धियों को खूबसूरती से अभिव्यक्त किया गया और हमारी भावी आकांक्षाओं को भी शामिल किया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘संबोधन में आर्थिक सुधार, बुनियादी ढांचा विकास, स्वास्थ्य सेवा में प्रगति, शिक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, ग्रामीण विकास, उद्यमिता और अंतरिक्ष सहित कई अन्य का भी जिक्र है।

भाषा

ब्रजेन्द्र नरेश

नरेश