नईदिल्ली। निर्भया के गुनाहगारों को फांसी देने की तैयारियां जोरों पर हैं। इसी कड़ी में तिहाड़ केंद्रीय कारागार में रविवार को डमी के साथ फांसी देने का अभ्यास किया। दो जगहों पर तैयार की गई चार तख्ती पर अब तक तीन बार डमी से अभ्यास किया जा चुका है और इसकी रिपोर्ट भी उच्चाधिकारियों को भेजा गया है।
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जेल सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में अगर फांसी घर में किसी तरह की मरम्मत का काम करवाने की बात आती है तो इससे लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इससे सूचित किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार जेल नंबर तीन में अलग-अलग जगहों पर बने चार तख्ती पर इसका ट्रायल किया गया। ट्रायल शुरू होने से पहले चारों दोषियों के वजन के हिसाब से चार डमी तैयार किए गए।
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ईंट का गर्दन और बोरी में रेत और पत्थर भरकर डमी तैयार किया गया। उसके बाद जिस रस्सी से दोषियों को फांसी दी जाएगी। उस रस्सी का इस्तेमाल फंदे के तौर पर किया गया। डमी को करीब एक घंटे तक लटकाए रखा गया। जेल सूत्रों का कहना है कि ट्रायल के दौरान किसी तरह की कोई मुश्किल सामने नहीं आई।
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बता दें कि डेथ वारंट जारी होने के बाद जेल मैनुअल के मुताबिक सारी प्रक्रिया होती है। जिसमें सबसे अहम फांसी का ट्रायल करना होता है। इसमें एक एक बारिकियों को देखा जाता है। जिससे कि फांसी के समय किसी भी तरह की कोई समस्या न हो सके। गौरतलब है कि तिहाड़ जेल में अफजल को फांसी देने के दौरान ट्रायल करने पर रस्सी कई बार टूट गई थी।
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वहीं शनिवार को जेल प्रशासन ने चारों दोषियों के गले का नाप लिया। साइज के हिसाब से जेल प्रशासन फांसी का फंदा तैयार करेगा। इस दौरान चारों दोषियों की लंबाई मापी गई और वजन भी लिया गया। पूरी प्रक्रिया के दौरान चारों गुनहगार फूट-फूट कर रो रहे थे।
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