प्रयागराज, तीन अक्टूबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रयागराज के जिला न्यायाधीश की अदालत में मुकदमे की सुनवाई धीमी गति से होने को लेकर असंतोष जाहिर किया है और निचली अदालत ने इस बारे में एक ताजा रिपोर्ट तलब की है।
न्यायमूर्ति अजय भनोट ने आरोपी अशफाक की जमानत की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा, “मुकदमे की सुनवाई अत्यधिक धीमी गति से आगे बढ़ रही है और ऐसा लगता है कि अदालतें आरोपी व्यक्तियों के लंबे समय तक कारावास में रहने से अनभिज्ञ हैं। यह अदालत के कामकाज में अव्यवस्था है।”
आरोपी अशफाक के वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल जुलाई, 2019 से जेल में है और आज की तिथि तक एक भी गवाह से जिरह नहीं की गई है।
इस पर अदालत ने कहा, “ प्रयागराज के जिला न्यायाधीश को मामलों की निराशाजनक स्थिति को लेकर सचेत किया जाना चाहिए। इस संबंध में अदालत ने पहले कई बार आदेश जारी किए गए हैं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है।”
इससे पहले, अदालत ने प्रयागराज के जिला न्यायाधीश को मौजूदा मामले को देखने और ऐसे मामलों की सुनवाई में तेजी लाने को लेकर निचली अदालत के न्यायाधीशों को संवेदनशील बनाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी।
उच्च न्यायालय ने 17 सितंबर को मुकदमे की सुनवाई में विलंब के संबंध में भेजे गए जवाब को खारिज कर दिया था।
इसके बाद, अदालत को 25 सितंबर को दोबारा बताया गया कि अब तक किसी गवाह से जिरह नहीं की गई।
भाषा राजेंद्र जोहेब
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