प्रवासी भारतीय दिवस: अनिवासी भारतीयों ने ओडिशा के आतिथ्य और संस्कृति को सराहा

प्रवासी भारतीय दिवस: अनिवासी भारतीयों ने ओडिशा के आतिथ्य और संस्कृति को सराहा

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  • Publish Date - January 9, 2025 / 03:44 PM IST,
    Updated On - January 9, 2025 / 03:44 PM IST

भुवनेश्वर, नौ जनवरी (भाषा) ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के जनता मैदान में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) में भाग लेने के लिए दुनिया भर से आए सैकड़ों अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) ने इस दौरान किए गए गर्मजोशी भरे स्वागत और तैयारियों की सराहना की।

स्लोवेनिया में 50 वर्षों से रह रहीं एनआरआई कोकी वेबर ने इस आयोजन में भाग लेने पर खुशी व्यक्त की। कोकी ‘नमस्ते’ नामक एक स्टोर चलाती हैं, जो भारतीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देता है।

उन्होंने कहा, ‘मैं चमड़े की वस्तुओं, रेशमी स्कार्फ, अगरबत्ती और अंतर्वस्त्रों जैसी भारतीय हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध हूं- ये सभी भारत में बने होते हैं।’

वेबर ने ओडिशा की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह भारत का एक छिपा हुआ रत्न और सुंदर राज्य है।

उन्होंने कहा, ‘यह ओडिशा की मेरी पहली यात्रा है और मैं इसके आकर्षण से चकित हूं। यह वास्तव में भारत का एक रत्न है।’

कनाडा से आए एनआरआई पुनीत मनचंदा ने भी विदेश मंत्रालय द्वारा इस कार्यक्रम में आमंत्रित किए जाने पर गर्व व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, ‘यह ओडिशा की मेरी पहली यात्रा है और मैं एक विशेष जुड़ाव महसूस कर रहा हूं क्योंकि मेरे भाई ने राउरकेला से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है। मैं राज्य में आनंद ले रहा हूं, खासकर इसकी संस्कृति और स्वादिष्ट भोजन का।’

कैलिफोर्निया में रहने वालीं ओडिशा मूल की प्रिया बासा के लिए यह कार्यक्रम अपनी जड़ों से फिर से जुड़ने का मौका है।

उन्होंने कहा, ‘मैं यहां अपने राज्य से फिर से जुड़ने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक झलक पाने के लिए आई हूं।’

भाषा जोहेब संतोष

संतोष