लखनऊ । उत्तर प्रदेश में कोरोना संकट के दौर में राजनीति भी गरमाई हुई है। इस बीच सामने आए एक पोस्टर ने सियासी गलियारों में हलचल तेज कर दी है। दरअसल हजरतगंज इलाके में स्थित दारूल शफा के विधायक निवास की दीवार में एक पोस्टर लगाया गया है। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ब्राह्मणों का रक्षक बताया गया है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री को फरसे से ब्राह्मणों पर हमला करते हुए दिखाया गया है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ केशव प्रसाद मौर्य और भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े मंत्रियों की भी फोटो पोस्टर में है। इधर पोस्टर सामने आने के बाद दोनों पार्टियों के कार्यकताओं में हड़कंप मच गया। कहा जा रहा है कि ये पोस्टर ब्राह्मणों पर हो रहे कथित अत्याचार के विरोध स्वरूप लगाया गया है।
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पोस्टर में लिखा गया है ‘बेटी बचाओ भाजपा भगाओ, बंद करो ब्राह्मणों पर अत्याचार, ना भ्रष्टाचार ना गुंडाराज, अबकी बार अखिलेश सरकार।’ पोस्टर में डॉक्टर और करोना मरीज की फोटो भी लगाई गई है। इसके साथ लिखा गया है कि ‘करोना महामारी की आड़ में धन उगाही’।
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इन पोस्टरों में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को ब्राह्मणों का असली हितैषी बताया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह पोस्टर समाजवादी पार्टी प्रदेश सचिव छात्र सभा विकास यादव द्वारा लगाया गया है। इस पोस्टर में हिंदूओं के देवता भगवान परशुराम की तस्वीर भी लगाई गई है।
वहीं दूसरी ओर स्थानिय पुलिस ने मामले में की जांच के बाद ही मामले का खुलासा होने की बात कही है। हजरतगंज थाने में पुलिस ने केस दर्ज किया है। इस मामले में अभी तक समाजवादी पार्टी के नेताओं की ओर से बयान सामने नहीं आया है। वहीं पुलिस ने जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी की बात कही है।
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