मुंबई : Ajit Pawar meet Sharad Pawar : महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है। राज्य में एक बार फिर कुछ ऐसा हुआ है जिसके बाद पूरे राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। दरअसल, पूर्व एनसीपी चीफ शरद पवार को मनाने की जद्दोजहद जारी है। अजित पवार आज सभी मंत्रियों के साथ उन्हें एक बार फिर ‘मनाने’ के लिए पहुंचे। प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल भी साथ थे। बगावत के बाद पहली बार दोनों गुटों में खुलकर बातचीत हुई है। इससे पहले डिप्टी सीएम अजित पवार ने अकेले शरद पवार से मुलाकात की थी। प्रफुल्ल पटेल ने बताया बुजुर्ग पवार ने सभी बातें सुनी लेकिन कुछ जवाब नहीं दिया। कहा कि उन्होंने पैर पकड़कर उनसे आशीर्वाद लिया।
Ajit Pawar meet Sharad Pawar : इससे पहले खबर आई कि बैठक में शामिल होने के लिए शरद पवार गुट से जुड़े जयंत पाटिल और जितेंद्र अव्हाड को भी बुलाया गया। जयंत पाटिल ने बताया कि सुप्रिया सुले ने उन्हें फोन करके बुलाया था। मीटिंग थोड़ी देर में खत्म हो गई। अजित गुट के प्रफुल्ल पटेल ने बताया कि उन्होंने शपद पवार से अनुरोध किया कि एनसीपी युनाइटेड रहनी चाहिए। शरद पवार ने उनकी बातें तो सुनी लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
Ajit Pawar meet Sharad Pawar : प्रफुल्ल पटेल ने बताया कि उन्हें खबर मिली की शरद पवार वाईबी चौहान सेंटर में हैं. बताया कि वह अजित पवार के बंग्ले पर थे। जैसे ही खबर मिली सभी लोग बिना पवार साहेब को सूचित किए हुए मिलने पहुंच गए। उन्हें प्रणाम करते हुए आशीर्वाद मांगा। पटेल ने कहा कि ‘हमने शरद पवार साहेब से अनुरोध किया है कि पार्टी एक साथ रहे इसपर वह विचार करें।’
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Ajit Pawar meet Sharad Pawar : 14 जुलाई को एकनाथ शिंदे कैबिनेट के विस्तार में अजित पवार गुट को लगभग मनमुताबिक मंत्रालय दिया गया है। बगावती अजित पवार को वित्त मंत्रालय और योजना मंत्रालय मिला है। शरद पवार के विश्वसनीय रहे छगन भुजबल को कृषि, दिलिप वालसे को सहकारिता, धर्मराव आत्राम को परिवहन, आदिति तटकरे को महिला और बाल विकास, धनंजय मुंडे को सामाजिक न्याय विभाग और हसन मुशरिफ को अल्पसंख्यक मामलों का विभाग दिया गया है।
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Ajit Pawar meet Sharad Pawar : वित्त, सिंचाई, आवास, सहकारिता और लोक निर्माण जैसे मंत्रालयों की डिमांड की थी। अजित पवार गुट को कैबिनेट में शामिल ने करने के लिए शिव सेना और बीजेपी दोनों को ही त्याग करना पड़ा है। शिवसेना ने कृषि समेत तीन मंत्रालय खो दिए हैं और बीजेपी को वित्त विभाग का त्याग करना पड़ा है, जिसकी जिम्मेदारी डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस संभाल रहे थे। एनसीपी कुल बगावती विधायकों में आठ को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।