मणिपुर: देश के अधिकतर राज्यों में बोर्ड कक्षाओं की परिक्षाएं शुरू हो गई है। इसी बीच मणिपुर में 12 कक्षा के राजनीति शास्त्र के प्रश्न में भाजपा के चुनाव चिन्ह और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को लेकर पूछे गए सवाल को लेकर सियासी बवाल मच गया है। बताया जा रहा है कि परीक्षा में छात्रों से भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल का निशान बनाने को कहा गया है। वहीं, प्रश्नपत्र में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के दृष्टीकोण से जुड़ी नकारात्मक बातें लिखने को भी कही गई है। बोर्ड द्वारा पूछे गए इन सवालों को लेकर एक बार फिर भाजपा कांग्रेस सहित अन्य स्थानीय दल आमने सामने आ गए हैं।
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इस मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि स्कूली छात्रों से ऐसा सवाल पूछा जाना उनके दिमाग में राजनीतिक मानसिकता को स्थापित करने के प्रयास का हिस्सा है। वहीं, विपक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा है कि छात्रों से ऐसा सवाल पूछा जाना जवाहर लाल नेहरू की छवि को नकारात्मक बनाने कोशिश की जा रही है।
वहीं भाजपा प्रदेश महासचिव एन निम्बस सिंह ने कहा कि छात्रों से ‘राष्ट्र निर्माण के लिए नेहरू के दृष्टिकोण के नकारात्मक लक्षणों’ के बारे में पूछना ‘प्रासंगिक’ था क्योंकि वह देश के पहले पीएम थे। सिंह ने कहा चूंकि नेहरू ने भारत के निर्माण में भूमिका निभाई, इसलिए उनके नेतृत्व में सिस्टम में नकारात्मकता के साथ-साथ सकारात्मकता भी हो सकती थी।
12वीं के छात्रों से ऐसा सवाल पूछे जाने को लेकर सीओएचएसईएम के चेयरमैन ने कहा है कि बोर्ड परीक्षा में ऐसे सवाल पूछे जाने के लिए मैंने परीक्षा नियंत्रक से बात की है। परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि सवाल देश में पार्टियों के चैप्टर से लिया गया था, जोकि राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम का हिस्सा है।
मणिपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की अध्यक्ष रंजीत सिंह ने कहा है कि इस तरह के सवाल नहीं पूछे जाने चाहिए थे। पेपर के लिए सवाल सेट करने वाला अगर इस तरह का पेपर तैयार करता है तो मॉडरेटर को उन्हें अलग रखना चाहिए था।