माओवादियों द्वारा फेंके गए हथियारों को बरामद करने के लिए पुलिस प्रयासरत : परमेश्वर

माओवादियों द्वारा फेंके गए हथियारों को बरामद करने के लिए पुलिस प्रयासरत : परमेश्वर

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  • Publish Date - January 10, 2025 / 04:11 PM IST,
    Updated On - January 10, 2025 / 04:11 PM IST

बेंगलुरु, 10 जनवरी (भाषा) कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने शुक्रवार को कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले छह माओवादियों ने अपने हथियार नहीं सौंपे हैं और पुलिस जंगल से उनकी बरामदगी के लिए जुटी हुई है।

माना जा रहा है कि माओवादियों ने जंगल में अपने हथियारों को ठिकाने लगा दिया है।

परमेश्वर ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले समूह से निष्कासित एक माओवादी अभी भी फरार है और उसे पकड़ने के प्रयास जारी हैं।

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की मौजूदगी में बुधवार शाम उनके गृह कार्यालय ‘कृष्णा’ में छह माओवादियों के समूह ने सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

परमेश्वर ने एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें हथियारों की तलाश करने की जरूरत है। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि जंगल में उन्हें कहां फेंका गया, लेकिन उस दिशा में प्रयास जारी हैं।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा लगाए गए इस आरोप पर कि सरकार ने माओवादियों के हथियार बरामद करने के बजाय उनके पुनर्वास को प्राथमिकता दी है, उन्होंने कहा, ‘‘वे (भाजपा) ऐसे दावे करते रहते हैं। सरकार अपना काम करेगी। हमें माओवादियों से यह जानकारी एकत्र करनी पड़ सकती है कि हथियार कहां छिपाए गए हैं और उनसे सहायता ली जाएगी..।’’

आत्मसमर्पण करने वाले छह माओवादियों को नक्सल आत्मसमर्पण नीति- कर्नाटक 2024 की श्रेणी ‘ए’ और ‘बी’ के तहत पुनर्वासित किया जाएगा और प्रत्येक को तीन लाख रुपये मिलेंगे।

गृह मंत्री ने एक अन्य माओवादी रविंद्र के अभी भी फरार होने की खबरों के बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘हमारे पास जो सूचना है, उसके अनुसार इस समूह ने उसे निष्कासित कर दिया था, लेकिन इसके कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। उसे ढूंढने के प्रयास जारी हैं और माना जा रहा है कि वह चिकमंगलूर क्षेत्र में है।’’

आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों के बारे में गृह मंत्री ने कहा कि वे राज्य में अंतिम सक्रिय माओवादी थे।

उन्होंने कहा, ‘अगर कोई दूसरे राज्यों से आता है तो उस पर कड़ी नजर रखी जाएगी। ओडिशा या केरल से भी किसी के आने की संभावना है, इसलिए हम सतर्क रहेंगे।’’

यह आत्मसमर्पण 18 नवंबर को उडुपी जिले के हेबरी के पीटाबाइलू गांव में नक्सल विरोधी बल के साथ मुठभेड़ में माओवादी नेता विक्रम गौड़ा के मारे जाने के बाद हुआ है।

भाषा यासिर मनीषा

मनीषा