Court on man and women of diffrent caste
नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस से कहा है कि अलग-अलग धर्म वाले युवक-युवती की बात वह व्यक्तिगत रूप से सुनकर इस बात का आकलन करे कि इस जोड़े को किस तरह का खतरा है क्योंकि उन दोनों के परिवार उनके विवाह करने के फैसले के खिलाफ हैं।
अदालत ने निर्देश दिया कि युवक-युवती को बीट कांस्टेबल या इलाके के संभागीय अधिकारी के मोबाइल नंबर मुहैया करवाए जाएं ताकि आपात स्थिति में वे पुलिस से संपर्क कर सकें।
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न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने कहा, ‘‘संबंधित थाना प्रभारी याचिकाकर्ताओं की बात व्यक्तिगत रूप से सुने ताकि उनके प्रति खतरे का आकलन किया जा सके और उसके मुताबिक कदम उठाया जा सके।’’
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इस जोड़े ने अदालत में आवेदन देकर महिला के परिवार से खतरे की आशंका जताते हुए सुरक्षा की मांग की थी और कहा था कि वे बालिग हैं और बीते चार वर्षों से एक दूसरे के साथ हैं। उन्होंने कहा है कि युवती ने अपना घर अपनी मर्जी से छोड़ा है।
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सितंबर में इस जोड़े ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह के लिए आवेदन दिया था। युवती ने पुलिस अधिकारियों को अपना घर छोड़ने के बारे में और युवक के साथ अपने विवाह के बारे में भी सूचित किया था।