कलकत्ता। अगर आपको कोई पुलिस अधिकारी बिना वर्दी में आपका ड्राइविंग लाइसेंस जब्त करता हैं तो इसे अवैध माना जाएगा। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस अपनी ददील देते हुए कहा कि यह 1988 की धारा अधिनियम की धारा 130 के तहत अवैध माना जाएगा। इसके साथ ही धारा 206 (3) के तहत कोई पावती न देना स्पष्ट रूप से अवैध है।
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दरअसल कलकत्ता हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में सूर्यनील दास ने आरोप लगाया कि जिन दो व्यक्तियों ने उनसे लाइसेंस मांगे और नहीं दिखाए जाने पर धमकी दे रहे थे दोनों बिना वर्दी में थे। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि उन दो लोगों ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 206 (3) के तहत बताई गई कोई भी अस्थायी प्राधिकरण पर्ची जारी किए बिना ही याचिकाकर्ता का ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लिया।
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कोर्ट में बताया कि पहचान के बारे में अनिश्चित होने के कारण पहली बार में उनकी बात नहीं मानी और इसके बजाय उन्हें उनके वैध आईडी प्रमाण दिखाने का अनुरोध किया। दरअसल याचिकाकर्ता ने अपनी कार पार्क कर टेलीफोन पर बातचीत कर रहा था। इस दौरान सिविल ड्रेस में आए कुछ लोगों ने अपने आप को पुलिसकर्मी बता कर उनका लाइसेंस जब्त कर लिया।
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इस मामले में न्यायमूर्ति सब्यासाची भट्टाचार्य की एकल पीठ ने कहा, ”एक पुलिस अधिकारी को न्याय का रक्षक माना जाता है, कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करके कानून की रक्षा के संबंध में एक आम नागरिक की तुलना में पुलिस अधिकारी से उच्च दायित्व की अपेक्षा की जाती है।” याचिकर्ता की दलीले सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के ड्राइविंग लाइसेंस को जब्त करने में प्रतिवादी (पुलिस के उप-निरीक्षक) की कार्रवाई स्पष्ट रूप से गैरकानूनी थी।
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