अभ्यर्थियों के बीच घुसे ‘अराजक तत्वों’ को पुलिस ने हिरासत में लिया

अभ्यर्थियों के बीच घुसे ‘अराजक तत्वों’ को पुलिस ने हिरासत में लिया

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  • Publish Date - November 14, 2024 / 01:09 PM IST,
    Updated On - November 14, 2024 / 01:09 PM IST

प्रयागराज, 14 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के पीसीएस प्री और आरओ-एआरओ की परीक्षा अलग-अलग दो दिन में संपन्न कराने के निर्णय के विरोध में अभ्यर्थियों के आंदोलन के चौथे दिन बृहस्पतिवार को धरनास्थल पर कथित ‘‘अराजक तत्वों की घुसपैठ’’ पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में लिया।

पुलिस उपायुक्त (नगर) अभिषेक भारती ने संवाददाताओं को बताया, “यहां लोक सेवा आयोग के समक्ष अभ्यर्थी शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं। 50-60 अभ्यर्थियों के बीच आपराधिक प्रवृत्ति के कुछ लोग घुस गए और प्रशासन से संवाद कर रहे अभ्यर्थियों को रोकने का प्रयास किया।’’

उन्होंने बताया, “ये अराजक तत्व, आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों को भड़काने का भी प्रयास कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया है। किसी भी अभ्यर्थी को हिरासत में नहीं लिया गया है। अभ्यर्थियों को हिरासत में लिए जाने का भ्रामक तथ्य फैलाया जा रहा है। यहां पर महिला पुलिस बल मौजूद है और सभी से शांतिपूर्ण वार्ता की जा रही है।”

भारती ने कहा, “जो भी अराजक तत्व अभ्यर्थियों के बीच आकर उन्हें बरगलाने का काम कर रहे हैं, उनके खिलाफ हम लोग नियम के अनुसार विधिक कार्रवाई कर रहे हैं। साथ ही यहां आयोग के सामने सड़क जाम करके आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों से निर्धारित धरनास्थल पर जाकर शांतिपूर्ण ढंग से धरना प्रदर्शन करने का अनुरोध किया जा रहा है।”

प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी बृहस्पतिवार सुबह फिर धरना-प्रदर्शन में जुट गए और आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत के खिलाफ नारेबाजी की। बुधवार की शाम इन अभ्यर्थियों ने कैंडल मार्च निकाल कर विरोध प्रदर्शित किया था।

आंदोलन कर रहे अभ्यर्थी ज्ञानेंद्र कुमार ने कहा, ‘‘जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती, हम आंदोलन जारी रखेंगे चाहे यह आंदोलन एक सप्ताह चले या कई सप्ताह। आयोग के अड़ियल रवैये के खिलाफ हम कैंडल मार्च निकाल रहे हैं।’’

मंगलवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने एक बयान जारी कर कहा था, “समय-समय पर अभ्यर्थियों के आग्रह पर बदलते समय की जरूरतों को देखते हुए व्यवस्था/परीक्षा प्रणाली में सुधार किया जाता रहा है।’’

आयोग ने कहा, “अभ्यर्थियों की सुविधा के मद्देनजर पीसीएस की मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय हटाने का अभूतपूर्व निर्णय किया गया। इसी तरह से, अभ्यर्थियों की स्केलिंग हटाने की मांग पूरी की गई।”

आयोग के सचिव अशोक कुमार का कहना है, “आयोग का दिशानिर्देश है कि सरकारी शिक्षण संस्थान को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाए और केंद्र मुख्यालय से 10 किलोमीटर के दायरे में हो। इससे पूर्व जब पेपर लीक हुआ था तो इन्हीं अभ्यर्थियों ने मांग उठाई थी कि निजी संस्थानों को परीक्षा केंद्र न बनाया जाए।”

उन्होंने कहा, “जब सरकार ने छात्रों की मांग पर विचार करते हुए दिशानिर्देश बनाया तो अब ये अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं। पीसीएस परीक्षा के लिए 5,76,000 परीक्षार्थियों का पंजीकरण है, जबकि सभी 75 जनपदों में 4,35,000 परीक्षार्थियों के लिए ही केंद्र मिल पा रहे हैं। ऐसे में दो दिन परीक्षा कराना मजबूरी है।”

लोक सेवा आयोग के गेट के सामने धरने पर बैठे छात्रों के हाथों में अलग अलग नारे लिखी तख्तियां थीं जिसमें किसी में लिखा था “बंटेंगे नहीं, हटेंगे नहीं, न्याय मिलने तक एक रहेंगे”, तो किसी में लिखा था, “एक दिन, एक परीक्षा”।

आयोग द्वारा पीसीएस प्री की परीक्षा के लिए सात और आठ दिसंबर की तिथि घोषित की गई है, वहीं समीक्षा अधिकारी- सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ-एआरओ) प्री की परीक्षा के लिए 22 और 23 दिसंबर की तिथि घोषित की गई है।

भाषा राजेंद्र खारी

खारी