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Kisan Andolan Latest News: धरना दे रहे किसानों पर पुलिस का एक्शन! कई बड़े किसानों को लिया गया हिरासत में, शंभू-खनौरी बॉर्डर कराया खाली

Kisan Andolan Latest News: धरना दे रहे किसानों पर पुलिस का एक्शन! कई बड़े किसानों को लिया गया हिरासत में, शंभू-खनौरी बॉर्डर कराया खाली |

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Modified Date: March 20, 2025 / 08:18 AM IST
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Published Date: March 20, 2025 8:18 am IST
HIGHLIGHTS
  • पंजाब सरकार ने प्रदर्शन स्थलों से किसानों को हटाने की कार्रवाई की।
  • 13 महीने से आंदोलन कर रहे किसानों को हटा दिया गया।
  • कई बड़े किसानों को हिरासत में लिया गया।

चंडीगढ़। Kisan Andolan Latest News: केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद लौट रहे सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं को मोहाली में हिरासत में लिया गया। इस बीच पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं से प्रदर्शनकारी किसानों को हटाना शुरू कर दिया, जहां पर वे एक साल से अधिक समय से डेरा डाले हुए थे। किसान नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने कहा कि किसान नेताओं को मोहाली में तब हिरासत में लिया गया, जब वे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद शंभू विरोध स्थल की ओर लौट रहे थे।

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Kisan Andolan Latest News : पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने किसानों को प्रदर्शन स्थलों से हटाए जाने को उचित ठहराते हुए कहा कि राज्य के लिए जीवनरेखा सरीखें दो राजमार्गों के लंबे समय तक बंद रहने से उद्योग और कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा, आम आदमी पार्टी (आप)युवाओं और रोजगार सृजन के लिए प्रतिबद्ध है। अगर व्यापार और उद्योग सुचारू रूप से चलते रहेंगे तो उन्हें रोजगार मिलेगा।

दोनों विरोध स्थलों पर पुलिस कार्रवाई के संकेत सुबह से ही मिलने लगे थे, क्योंकि वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था। वहीं किसान नेताओं ने चंडीगढ़ में केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। किसानों ने बताया कि प्रदर्शन स्थलों के पास एम्बुलेंस, बसें, अग्निशमन और दंगा रोधी वाहन तैनात किए गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी किसान पिछले साल 13 फरवरी को दिल्ली कूच करने से रोके जाने के बाद से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू (शंभू-अंबाला) और खनौरी (संगरूर-जींद) सीमा पर डेरा डाले हुए हैं।

किन मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान?

किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। चंडीगढ़ में किसानों की विभिन्न मांगों पर चर्चा के लिए किसान नेताओं और केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के बीच ताजा दौर की वार्ता बेनतीजा रही। तीन घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के बाद कृषि मंत्री चौहान ने कहा, ‘‘वार्ता सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई। चर्चा सकारात्मक और रचनात्मक तरीके से हुई। बातचीत जारी रहेगी। अगली बैठक चार मई को होगी।’’ मंगत ने दावा किया कि किसानों को उनके गंतव्य की ओर जाने से रोकने के लिए मोहाली में बड़े पैमान पर अवरोधक लगाए गए।

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हिरासत में लिए गए किसान नेता

किसान नेता मंगत ने कहा कि पंधेर और डल्लेवाल के साथ अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटरा और मंजीत सिंह राय को हिरासत में लिया गया। उन्होंने बताया कि पंधेर को जीरकपुर नाके के नजदीक से हिरासत में लिया गया और पटियाला के बहादुरगढ़ कमांडो पुलिस प्रशिक्षण केंद्र ले जाया गया। एंबुलेंस में मौजूद डल्लेवाल को भी हिरासत में लिया गया। कुछ किसानों ने पुलिस कार्रवाई का विरोध किया और पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई की।

सरकार ने जारी किए सड़क खाली करने के निर्देश

पुलिस उपमहानिरीक्षक (पटियाला रेंज) मनदीप सिंह सिद्धू के नेतृत्व में करीब 3,000 पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए खनौरी सीमा पर मौजूद थे। इसी तरह, पुलिसकर्मी सड़क खाली कराने के लिए शंभू सीमा पर भी पहुंचे। खनौरी में सिद्धू ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि सरकार ने सड़क खाली करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। डीआईजी ने कहा कि पुलिस उन्हें अपना और अपने बुजुर्गों के रूप में मानती है और किसी भी टकराव के लिए नहीं आई है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उनकी संख्या 3,000 है जो किसानों की संख्या 200 से ज़्यादा है। डीआईजी ने युवाओं को चेतावनी दी कि वे सुरक्षाकर्मियों और पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार न करें।

किसान आंदोलन (Kisan Andolan) का मुख्य उद्देश्य क्या है?

किसान आंदोलन का मुख्य उद्देश्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, कृषि कानूनों की वापसी, और किसानों के लिए अन्य सुविधाओं की मांग करना है। किसान यह भी चाहते हैं कि उनके उत्पादों को उचित मूल्य मिले।

किसान नेताओं को मोहाली में क्यों हिरासत में लिया गया?

किसान नेताओं को मोहाली में उस समय हिरासत में लिया गया जब वे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद शंभू विरोध स्थल की ओर लौट रहे थे।

किसान कब से शंभू और खनौरी सीमा पर प्रदर्शन कर रहे थे?

किसान पिछले साल 13 फरवरी से शंभू और खनौरी सीमा पर प्रदर्शन कर रहे थे, जब उन्हें दिल्ली कूच करने से रोका गया था। वे एक साल से अधिक समय से इन सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए थे।

किसान आंदोलन के दौरान पंजाब सरकार की प्रतिक्रिया क्या थी?

पंजाब सरकार ने प्रदर्शन स्थलों से किसानों को हटाने की कार्रवाई की, यह कहते हुए कि दो प्रमुख राजमार्गों के बंद रहने से राज्य की अर्थव्यवस्था, उद्योग और व्यापार प्रभावित हो रहे थे।

केंद्रीय कृषि मंत्री के साथ किसान नेताओं की बैठक का क्या परिणाम था?

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ किसानों की ताजा बैठक सकारात्मक और रचनात्मक माहौल में हुई, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। अगली बैठक चार मई को होने की घोषणा की गई।