दिल्ली में जुलाई-सितंबर तिमाही में ‘पीएम2.5’ प्रदूषण पांच वर्षों में दूसरे सबसे निचले स्तर पर:सीएसई

दिल्ली में जुलाई-सितंबर तिमाही में ‘पीएम2.5’ प्रदूषण पांच वर्षों में दूसरे सबसे निचले स्तर पर:सीएसई

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  • Publish Date - October 21, 2022 / 04:11 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:03 PM IST

नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर (भाषा) सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरन्मेंट (सीएसई) के एक विश्लेषण में कहा गया है कि दिल्ली में 2.5पीएम (हवा में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर व्यास से कम आकार के सूक्ष्म कणों) प्रदूषण का स्तर इस साल जुलाई-अगस्त-सितंबर तिमाही में औसत 37 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। यह 2020 के दौरान दर्ज किये गये 36 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के पांच वर्षों के सबसे निचले स्तर से आंशिक रूप से अधिक है।

पर्यावरण के विषयों से जुड़े संगठन ने कहा इस साल जुलाई-अगस्त-सितंबर तिमाही से पहले की अवधि सर्वाधिक प्रदूषित ग्रीष्मकाल की अवधि में से एक रही, जबकि 2020 में इन तीन महीनों से पहले की तिमाही (मार्च-मई) उस समय तक की सर्वाधिक स्वच्छ अवधि रही थी और ऐसा कोविड-19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन की असाधारण परस्थितियों के चलते हुआ था।

सीएसई ने कहा, ‘‘इसलिए, यह समझना जरूरी है कि दिल्ली की वायु को स्वच्छ बनाने में किस चीज ने योगदान दिया। वर्षा के आंकड़ों पर गौर करने पर यह जाहिर होता है कि वर्षा के वितरण का मौसमी वायु गुणवत्ता पर बारिश की पूर्ण मात्रा से सापेक्षिक रूप से अधिक प्रभाव रहा।’’

इस साल जुलाई, अगस्त और सितंबर में बारिश का मौसम 45 दिनों का रहा, जबकि पिछले साल इस तिमाही में यह अवधि 39 दिनों की रही थी।

सीएसई ने कहा कि बारिश के इन छह अतिरिक्त दिनों ने प्रदूषण के स्तर को कम रखने में मदद की, जबकि इस साल मॉनसून में कुल वर्षा पिछले साल के मॉनसून के मुकाबले एक तिहाई ही हुई। उसने कहा कि बारिश के इन अतिरिक्त दिनों ने खराब वायु गुणवत्ता के दिनों की नियमित शुरूआत होने को अक्टूबर तक टाल दिया।

सीएसई ने बृहस्पतिवार को कहा था कि महामारी पूर्व की अवधि की तुलना में दिल्ली में सर्दियों के मौसम में औसत पीएम2.5 प्रदूषण का स्तर करीब 20 प्रतिशत घट गया।

भाषा

सुभाष दिलीप

दिलीप