प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमण्यम भारती की संपूर्ण रचनाओं के संग्रह का विमोचन किया

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमण्यम भारती की संपूर्ण रचनाओं के संग्रह का विमोचन किया

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  • Publish Date - December 11, 2024 / 03:12 PM IST,
    Updated On - December 11, 2024 / 03:12 PM IST

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमण्यम भारती की संपूर्ण रचनाओं के संग्रह का विमोचन किया और उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उनके जैसा व्यक्तित्व सदियों में एक बार आता है।

मोदी ने कहा कि भारती के विचार और बौद्धिक प्रतिभा आज भी लोगों को प्रेरित करती है।

प्रधानमंत्री ने अपने 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर इस संग्रह का विमोचन किया।

भारती की संपूर्ण रचनाओं का 23 खंडों का संग्रह सीनी विश्वनाथन द्वारा संकलित और संपादित किया गया है। इसमें सुब्रमण्यम भारती के लेखन के संस्करणों, व्याख्याओं, दस्तावेजों, पृष्ठभूमि की जानकारी और दार्शनिक प्रस्तुति आदि का विवरण शामिल है। इसे अलायंस पब्लिशर्स ने प्रकाशित किया है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में मोदी ने कहा, ‘‘हमारे देश में शब्दों को महज अभिव्यक्ति नहीं माना जाता। हम उस संस्कृति का हिस्सा हैं जो शब्द ब्रह्म की बात करती है, शब्दों की अनंत शक्ति के बारे में बात करती है।’’

उन्होंने कहा कि भारती ऐसे मनीषी थे जो देश की आवश्यकताओं को देखते हुए काम करते थे और उनका दृष्टिकोण इतना व्यापक था कि उन्होंने हर उस दिशा में काम किया जिसकी जरूरत उस कालखंड में देश को थी।

उन्होंने कहा, ‘‘भारतियार केवल तमिलनाडु और तमिल भाषा की ही धरोहर नहीं है, वो एक ऐसे विचारक थे जिनकी हर सांस मां भारती की सेवा के लिए समर्पित थी। भारत का उत्कर्ष उनका सपना था।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार ने कर्तव्य भावना से भारतियार के योगदान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए, जितना हो सके उतना प्रयास किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारती जैसा व्यक्तित्व सदियों में कभी एक बार मिलता है। उनका चिंतन, उनकी मेधा, उनका बहु-आयामी व्यक्तित्व… ये आज भी हर किसी को हैरान करता है।’’

मोदी ने कहा कि उनके और भारती के बीच एक जीवंत संबंध है और वह काशी से जुड़ा है।

उन्होंने कहा, ‘‘वह काशी में ज्ञान प्राप्त करने आए थे और आज भी उनके परिवार के सदस्य वहां रहते हैं।’’

प्रधानमंत्री लोकसभा में वाराणसी (काशी) का प्रतिनिधित्व करते हैं।

इससे पहले, मोदी ने भारती की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि समानता तथा महिला सशक्तीकरण पर उनके प्रगतिशील आदर्श उतने ही प्रेरणादायक हैं, जितने देशभक्ति और क्रांति की ज्वाला प्रज्ज्वलित करने वाले उनके सशक्‍त विचार रहे हैं।

सुब्रमण्यम भारती देश के महान कवियों में से एक थे। उन्होंने तमिल भाषा में काव्य रचनाएं कीं। उन्हें आधुनिक तमिल शैली का जनक कहा जाता है और उन्हें ‘महाकवि भारथियार’ के नाम से भी जाना जाता है।

प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं महान सुब्रमण्यम भारती को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। एक दूरदर्शी कवि, लेखक, विचारक, स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक के रूप में उनके सशक्‍त विचारों ने असंख्य लोगों में देशभक्ति और क्रांति की ज्वाला प्रज्ज्वलित की। समानता और महिला सशक्तीकरण पर उनके प्रगतिशील आदर्श भी उतने ही प्रेरणादायक हैं।’’

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र नरेश

नरेश