देशभर के मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी की बैठक खत्म, कई राज्यों ने लॉकडाउन बढ़ाने के साथ मांगे की जरूरी अधिकार

देशभर के मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी की बैठक खत्म, कई राज्यों ने लॉकडाउन बढ़ाने के साथ मांगे की जरूरी अधिकार

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  • Publish Date - May 11, 2020 / 06:12 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:59 PM IST

नई दिल्ली: देश में जारी कोरोना वायरस संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की। बैठक में कोरोना संकट और लॉकडाउन को लेकर चर्चा की जाएगी और मुख्यमंत्रियों से सुझाव मांगे। मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में पीएम मोदी ने राज्यों की तारीफ करते हुए कहा कि लॉकडाउन पर जरूरत के हिसाब से फैसले बदलने पड़े हैं। बैठक के शुरू होने के साथ ही सबसे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने संबोधित किया इससे बाद पीएम मोदी ने अपनी बात रखी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन और अर्थव्यवस्था से जुड़ी कई चीजों पर मुख्यमंत्रियों के साथ विचार विमर्श कर उनकी राय जानी। 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों से 15 मई तक लॉकडाउन पर अंतिम सुझाव देने को कहा है। उन्होंने राज्यों से लॉकडाउन से निपटने के संबंध में व्यापक रणनीति बनाने को कहा है। पीएम मोदी ने कहा लॉकडाउन में क्रमिक ढील के दौरान और बाद में विभिन्न बारीकियों से निपटने के लिए एक खाका बनाना चाहिए।

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अपनी शुरुआती टिप्पणी में पीएम मोदी ने प्रवासी मजदूरों के बारे में बोला। उन्होंने कहा कि घर जाने की उनकी जरूरत को समझते हैं। हमारे लिए यह चुनौती है कि कोविड -19 को गांवों तक नहीं फैलने दें। मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 5वीं वीडियो कांफ्रेंस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद हैं।

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पीएम ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि भारत इस संकट से अपने आप को बचाने में बहुत हद तक सफल हुआ है। राज्यों ने अपनी जिम्मेदारी निभाई, दो गज की दूरी ढीली हुई तो संकट बढ़ेगा। हम लॉकडाउन कैसे लागू कर रहे हैं। यह बड़ा विषय रहा, हम सबकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि धीरे-धीरे ही सही, लेकिन निश्चित रूप से देशभर को कई हिस्सों में आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ रही हैं। आने वाले दिनों में इसमें तेजी आएगी।

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महाराष्ट्र, तेलंगाना, पंजाब और बंगाल के सीएम ने पीएम मोदी से लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है। तेलंगाना के सीएम ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि पैसेंजर ट्रेन चलाने से कोरोना संक्रमण का खतरा है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है।

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जहां एक तरफ अंतरराज्यीय सप्लाई चेन को सुचारू रूप से बहाल करने की मांग की, तो वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री का यह मानना था कि सिर्फ कंटेनमेंट जोन तक ही लॉकडाउन लागू रहना चाहिए। हालांकि, मंगलवार से करीब 50 दिन बाद शुरू होने जा रही रेल सेवा का तेलंगाना का मुख्यमंत्री ने विरोध किया। एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण को देखते हुए कई राज्यों ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है। वहीं, गुजरात के मुख्यमंत्री इसके पक्ष में नहीं हैं। उनका कहना है कि लॉकडाउन को सिर्फ कंटेनमेंट जोन तक ही लागू रहना चाहिए।

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ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र ने राजनीतिक लाभ के लिए बंगाल को निशाना बनाया। हम इस संकट में एक साथ हैं। उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार सीमाओं को खोल रही है। ट्रेनों को शुरू करने और हवाई अड्डों को शुरू किया जा रहा है, तो आगे के लॉकडाउन को जारी रखने की क्या जरूरत है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के साथ बैठक में कहा कि बिहार सरकार लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि  बिहार सरकार का मानना है कि लॉकडाउन हटने के बाद बड़ी संख्या में राज्य में आने वाले लोगों से कोराना संकट और गहरा सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पीएम मोदी के साथ बैठक के दौरान कहा कि दिल्ली के सभी हिस्सों में फिर से आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे पीएम मोदी से कहा कि हमें किसानों के हालात पर काबू पाने के लिए कर्ज की जरूरत है। प्रवासी श्रमिक हमारे राज्य को छोड़ रहे हैं, इस बात की सावधानी बरतनी होगी कि वे इस वायरस को अपने घरों तक न लेकर जाएं। हमें प्रवासियों को राज्य छोड़ने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए, यदि संभव हो तो उन्हें वापस रहना चाहिए। हम उनकी मदद करेंगे। लॉकडाउन को हटाया नहीं जाना चाहिए, हमें इसे विनियमित करना चाहिए और कुछ छूट की अनुमति देनी चाहिए।

उद्धव ठाकरे ने कहा कि विशेष रूप से पीपीई, वेंटिलेटर आदि चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी माफ किया जाना चाहिए। ग्रीन जोन में, हम पहले ही आर्थिक गतिविधियों की अनुमति दे चुके हैं। अंतर-जिला स्क्रीनिंग सख्ती के साथ होना चाहिए। सोशल मीडिया के माध्यम से फैली अफवाहों पर अंकुश लगाने के प्रयासों की निगरानी की जानी चाहिए। राज्य में केंद्रीय पुलिस की तैनाती के लिए आग्रह करता हूं, क्योंकि राज्य पुलिस बिना किसी आराम के काम कर रही है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि पुलिस को आराम के लिए आवश्यक समय दिया जाए।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि हम इस स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। ट्रेन सेवाओं की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, हम चाहते हैं कि केंद्र उचित रणनीति तैयार करे और ट्रेन सेवा को फिलाहल को के लिए बंद ही रखे। तेलंगाना के सीएम ने आशंका जताई कि ट्रेन सेवाओं को फिलहाल शुरू करने से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है और स्क्रीनिंग आदि मुश्किल हो जाएगा।

तमिलनाडु के सीएम पलानीस्वामी ने पीएम मोदी से की एनएचएम फंड्स को जल्द जारी करने और तमिलनाडु को 2000 करोड़ का विशेष अनुदान जारी करने करने की मांग की है। उन्होंने साथ ही जीएसटी की बकाया राशि को भी जल्द जारी करने के लिए अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि चेन्नई में कोरोना के पॉजिटिव मामले बढ़ रहे हैं, तमिलनाडु में 31 मई तक ट्रेन सेवा की अनुमति न दें। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि 31 मई तक नियमित हवाई सेवा भी शुरू नहीं करें।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अंतरराज्यीय सप्लाई चेन को सही तरीके से काम करने देना चाहिए। बिना राशन कार्ड के भी लोगों को राहत मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में इकॉनोमिक टास्क फोर्स का गठन किया गया है. जो प्रवासी मजदूर फंसे हुए है और वापस नहीं जा रहे हैं उन्हें कुछ निश्चित गतिविधियों में लगाया जाना चाहिए।

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बैठक में कहा कि हम एक राज्य के रूप में वायरस से मुकाबला करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। केंद्र को इस महत्वपूर्ण समय में राजनीति नहीं करनी चाहिए। हम अंतरराष्ट्रीय सीमाओं और अन्य बड़े राज्यों से घिरे हुए हैं। इससे निपटने में हम तमाम चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ममता बनर्जी ने आगे कहा कि सभी राज्यों को एक समान महत्व दिया जाना चाहिए और हमें टीम इंडिया के रूप में मिलकर काम करना चाहिए।

पीएम मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंस के दौरान छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकारों को अपने राज्यों के भीतर आर्थिक गतिविधियों से निपटने के बारे में निर्णय लेने का अधिकार मिलना चाहिए। उन्हें रेड, ग्रीन और ऑरेंज जो घोषित करने का अधिकार मिले। साथ उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों से सलाह के बाद ही नियमित ट्रेन, हवाई यात्रा और अंतर-राज्य बस सेवाओं को फिर से शुरू करना चाहिए। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत मजदूरों को 200 दिनों का वेतन दिया जाना चाहिए।

आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी ने बैठक में पीएम के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि लॉकडाउन के नियमों में कुछ हद तक छूट देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस दौरान व्यक्तिगत स्वच्छता प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जाए। रेड्डी ने कहा कि राज्य में 97 हजार एमएसएसई के कर्मचारी हैं और नौ लाख लोग इससे जुड़े हैं। इस सेक्टर को संभालने की आवश्यकता है। इस क्षेत्र को संभालने के लिए पीएम से मैं लॉकडाउन में छूट देने के लिए आग्रह करता हूं, अन्यथा आंध्र में भारी बेरोजगारी आएगी।

पीएम मोदी ने कहा कि हमने जोर देकर कहा कि लोगों को वहीं रहना चाहिए जहां वे हैं। लेकिन यह मानवीय स्वभाव है कि लोग घर जाना चाहते हैं और इसलिए हमें अपने निर्णयों को बदलना होगा, कुछ निर्णय को हमें बदलने भी पड़े हैं। इसके बावजूद, यह सुनिश्चित करना है कि कोविड-19 गांवों में ना फैले। यह हमारे लिए बड़ी चुनौती है।