Joint Conference of Chief Ministers and Chief Justice : दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और चीफ जस्टिस की जॉइंट कॉन्फ्रेंस को करते हुए कहा कि स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने की जरूरत है। क्योंकि अंग्रेजी में दिए गए फैसले को आम जनता नहीं समझ पाती। हिंदी में फैसले देने से आम लोगों का न्याय प्रणाली पर भरोसा बढ़ेगा। वो इससे जुड़ा हुआ महसूस करेंगे। कोर्ट स्थानीय भाषा को बढ़ावा दें।
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इससे पहले CJI एनवी रमना ने कहा कि न्याय का मंदिर होने के नाते अदालत को लोगों का स्वागत करना चाहिए। कोर्ट की अपेक्षित गरिमा और आभा होनी चाहिए। पब्लिक इंटरेस्ट याचिका अब पर्सनल इंटरेस्ट के लिए इस्तेमाल हो रही हैं। यह अफसरों को धमकाने का जरिया बन गई हैं। PIL राजनीतिक और कॉर्पोरेट विरोधियों के खिलाफ एक टूल बन गया है। देश में 3.5 लाख कैदी अंडर ट्रायल हैं, इनके मसले को निपटाने पर जोर दिया जाए। मैं सभी मुख्यमंत्रियों और हाईकोर्ट के जजों से इस पर ध्यान देने की अपील करता हूं। ‘
हमें कोर्ट में स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने की जरूरत है। इससे देश के सामान्य नागरिकों का न्याय प्रणाली में भरोसा बढ़ेगा, वो उससे जुड़ा हुआ महसूस करेंगे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/kpJXxbG06S
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 30, 2022
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Joint Conference of Chief Ministers and Chief Justice : CJI ने कहा कि संविधान में लोकतंत्र के तीनों अंगों के बीच शक्तियों का बंटवारा किया गया है। अपने कर्तव्यों का पालन करते समय हमें लक्ष्मण रेखा का भी ध्यान रखना चाहिए। सरकारें अदालत के फैसले को बार- बार नजरअंदाज करती हैं, यह स्वस्थ्य लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।