नईदिल्ली: PM modi speech in loksabha भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान लोकसभा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “…भारत की एकता को मजबूती देने का निरंतर हम प्रयास करते रहे हैं। धारा 370 देश की एकता पर रुकावट बना पड़ा था, दीवार बना पड़ा था। देश की एकता हमारी प्राथमिकता थी जो कि हमारे संविधान की भावना थी और इसलिए धारा 370 को हमने जमीन में गाड़ दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “कांग्रेस ने निरंतर संविधान की अवमानना की, संविधान के महत्व को कम किया। कांग्रेस इसके अनेक उदाहरणों से भरा पड़ा हुआ है… 370 के बारे में तो सबको पता है लेकिन 35-ए के बारे में पता बहुत कम है… भारत के संविधान का अगर कोई पहला पुत्र है तो ये संसद है लेकिन उसका भी इन्होंने गला घोटने का काम किया। 35-ए को संसद में लाए बिना उन्होंने देश पर थोप दिया…राष्ट्रपति के आदेश पर ये काम किया गया और देश की संसद को अंधेरे में रखा गया…”
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PM Modi’s speech on 370 in Lok Sabha: आगे पीएम मोदी ने कहा, “समान नागरिक संहिता, यह विषय संविधान सभा के ध्यान के बाहर नहीं था। संविधान सभा ने UCC को लेकर लंबी चर्चा की और उन्होंने बहस के बाद निर्णय किया कि अच्छा होगा कि जो भी सरकार चुनकर आए वह उसका निर्णय करे और देश में UCC लागू करे… सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार कहा है कि देश में UCC लाना चाहिए… संविधान और संविधान निर्माताओं की भावना को ध्यान में रखते हुए, हम सेक्युलर सिविल कोड के लिए पूरी ताकत से काम कर रहे हैं।”
हमारे देश में एक लंबे समय तक GST को लेकर चर्चा चलती रही। मैं समझता हूं अर्थव्यवस्था की एकता में GST ने बहुत बड़ी भूमिका अदा की है… यह ‘वन नेशन-वन टैक्स’ की भूमिका को आगे बढ़ा रहा है। हमारे देश में राशन कार्ड गरीब के लिए एक मूल्यवान दस्तावेज रहा है लेकिन गरीब एक राज्य से दूसरे राज्य में जाता था तो उसके पास कुछ भी प्राप्त करने का अधिकार नहीं था… एकता के भाव को मजबूत करने के लिए हमने ‘वन नेशन वन राशन’ कार्ड की बात की…”
भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हम सभी के लिए, सभी देशवासियों के लिए, दुनिया के लोकतंत्र पसंद नागरिकों के लिए ये बहुत गर्व का पल है। लोकतंत्र के पर्व को बड़े गौरव के साथ मनाने का अवसर है। संविधान के 75 वर्ष की यात्रा एक अविस्मरणीय यात्रा है और दुनिया के सबसे महान और विशाल लोकतंत्र की इस यात्रा के मूल में हमारे संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता का योगदान है, जिसे लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। 75 वर्ष पूरे होने पर ये उत्सव का क्षण है…”
PM modi speech in loksabha पीएम मोदी ने कहा, “अब हमारा देश बहुत तेज गति से विकास कर रहा है। भारत बहुत जल्द विश्व की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में बहुत मजबूत कदम रख रहा है। यह 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प है कि जब हम आजादी की शताब्दी बनाएंगे हम देश को विकसित भारत बनाकर रहेंगे। यह हर भारतीय का संकल्प है लेकिन इस संकल्प से सिद्धि के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता है भारत की एकता। हमारा संविधान भी भारत की एकता का आधार है…”
मोदी ने कहा, “हमारे संविधान की अपेक्षा एकता की है और इसी को ध्यान में रखते हुए हमने मातृभाषा के महात्मय को स्वीकारा है… हमने नई शिक्षा नीति में भी मातृभाषा को बहुत महत्व दिया है। अब गरीब का बच्चा भी अपनी मातृभाषा में पढ़कर डॉक्टर या इंजीनियर बन सकता है…”
भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “…जब देश संविधान के 25 वर्ष पूरे कर रहा था उसी समय हमारे संविधान को नोच दिया गया, आपातकाल लाया गया। संवैधानिक व्यवस्थाओं को समाप्त कर दिया गया, देश को जेल खाना बना दिया गया, नागरिकों के अधिकारों को लूट लिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को ताला लगा दिया गया, कांग्रेस के माथे पर यह जो पाप है वह धूलने वाला नहीं है…”
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भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “करीब 6 दशक में 75 बार संविधान बदला गया। जो बीज देश के पहले प्रधानमंत्री जी ने बोया था उस बीज को खाद-पानी देने का काम एक और प्रधानमंत्री ने किया, उनका नाम था श्रीमति इंदिरा गांधी। 1971 में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया था, उस फैसले को संविधान बदलकर पलट दिया गया था, 1971 में संविधान संशोधन किया गया था। उन्होंने हमारे देश की अदालत के पंख काट दिए थे…”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “1952 के पहले राज्यसभा का भी गठन नहीं हुआ था। राज्यों में भी कोई चुनाव नहीं थे, जनता का कोई आदेश नहीं था… उसी दौरान उस समय के प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को एक चिट्ठी लिखी थी। उस चिट्ठी में उन्होंने लिखा था, ‘अगर संविधान हमारे रास्ते के बीच में आ जाए तो हर हाल में संविधान में परिवर्तन करना चाहिए’… 1951 में ये पाप किया गया लेकिन देश चुप नहीं था। उस समय के राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने उन्हें चेताया कि ये गलत हो रहा है…लेकिन पंडित जी का अपना संविधान चलता था और इसलिए उन्होंने इतने वरिष्ठ महानुभावकों की सलाह मानी नहीं। ये संविधान संशोधन करने का ऐसा खून कांग्रेस के मुंह लग गया कि समय-समय पर वो संविधान का शिकार करती रही…”
PM modi speech in loksabha पीएम मोदी ने आगे कहा, “यह परंपरा यहां नहीं रुकी जो परंपरा नेहरू जी ने शुरू की थी, जिसे इंदिरा जी ने आगे बढ़ाया… राजीव गांधी जब प्रधानमंत्री बने उन्होंने संविधान को एक और झटका दिया। सबको समानता, सबको न्याय इस भाव को चोट पहुंचाई… सुप्रीम कोर्ट ने शाह बानो का फैसला सुनाया था… लेकिन उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सुप्रीम कोर्ट की भावना को नकार दिया। उन्होंने वोट बैंक की खातिर संविधान की भावना की बलि चढ़ा दी और कट्टरपंथियों के सामने सर झुकाने का काम किया…”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा कि धारा 370 देश की एकता के लिए रुकावट थी और इसे हटाकर देश की एकता को मजबूत किया गया है। उन्होंने इसे संविधान की भावना के अनुरूप उठाया गया कदम बताया।
पीएम मोदी ने कहा कि 35-ए को संसद में चर्चा के बिना देश पर थोप दिया गया था। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के खिलाफ बताया और कांग्रेस पर इसे लेकर तीखा हमला किया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि संविधान सभा ने UCC पर चर्चा की थी और इसे लागू करने का निर्णय भविष्य की सरकारों पर छोड़ा था। उन्होंने कहा कि सरकार सेक्युलर सिविल कोड लाने के लिए पूरी ताकत से काम कर रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि GST ने देश की अर्थव्यवस्था को एकता में बांधने का बड़ा काम किया है। उन्होंने ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ का भी उल्लेख किया, जिससे गरीबों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाकर भी लाभ मिल सके।
प्रधानमंत्री ने संविधान को लोकतंत्र की नींव बताते हुए इसे 140 करोड़ देशवासियों की एकता और विकास का आधार कहा। उन्होंने भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने का संकल्प दोहराया।