नई दिल्लीः Ajmer Sharif Urs ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के खास मौके पर अजमेर शरीफ दरगाह में चढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11वीं बार चादर भेंजेंगे। गुरुवार को शाम 6 बजे एक कार्यक्रम में अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी को यह चादर सौंपी जाएगी।
Ajmer Sharif Urs बता दें कि 28 दिसंबर से ख्वाजा साहब का 813वां उर्स चल रहा है। प्रधानमंत्री हर साल सूफी संत के उर्स पर अजमेर दरगाह के लिए चादर भेजते हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी ने अजमेर शरीफ दरगाह पर दस बार चादर चढ़ाई है। यह 11वीं बार होगा, जब वह इस परंपरा को आगे बढ़ाएंगे। पिछले वर्ष 812वें उर्स के दौरान प्रधानमंत्री की ओर से तत्कालीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और जमाल सिद्दीकी ने दरगाह पर चादर चढ़ाई थी। गौरतलब है कि ख्वाजा गरीब नवाज की मजार (मजार-ए-अखदास) पर चढ़ाई जाने वाली चादर, भक्ति और सम्मान का प्रतीक है। उर्स के दौरान चादर चढ़ाना भक्ति का एक शक्तिशाली रूप माना जाता है, जिसे आशीर्वाद प्राप्त करने और मन्नतें पूरी करने के साधन के रूप में देखा जाता है।
इस समय देश में अजमेर दरगाह को लेकर विवाद भी छिड़ा हुआ है, जिसमें हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर दरगाह को महादेव मंदिर बताया है। विष्णु गुप्ता ने 25 सितंबर 2024 को अजमेर सिविल कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने दावा किया कि ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के अंदर एक शिव मंदिर है। हालांकि कोर्ट ने इस याचिका को 27 नवंबर को स्वीकार कर लिया और सुनवाई के लिए 20 दिसंबर को तारीख तय की थी। इस विवाद के बीच प्रधानमंत्री मोदी के इस कदम को खास माना जा रहा है। यह कदम हिंदू सेना जैसे संगठनों के लिए झटका हो सकता है, जो दरगाह शरीफ में संकट मोचक मंदिर होने का दावा कर रहे थे। वहीं हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की है कि वे उर्स के मौके पर चादर ना भेजें। गुप्ता के इस विरोध के बावजूद, प्रधानमंत्री की तरफ से चादर भेजने का फैसला किया गया है।
बता दें 2024 में अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर तब विवाद शुरू हुआ जब हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर दरगाह में भगवान शिव का मंदिर होने का दावा किया था। और अजमेर सिविल कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में उन्होंने दावा किया था कि ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के अंदर एक भगवान शिव का मंदिर है। राजस्थान की लोकल कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया था और अगली सुनवाई की तारीख तय कर दी थी। 27 नवंबर 2024 अजमेर की लोकल कोर्ट ने एक सिविल मुकदमें में तीन पक्षों को नोटिस जारी किया था।। जिसमें दावा किया गया था कि अजमेर की मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के अंदर एक शिव मंदिर है। 20 नवंबर को अजमेर शरीफ दरगाह कमेटी ने अजमेर की मुंसिफ कोर्ट में अर्जी दायर की थी और दरगाह के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका को खारिज करने की अपील की थी। अब इस मामले में अगली सुनवाई अब 24 जनवरी 2025 को होनी है।
PM Modi to send Chadar to Khwaja Moinuddin Chishti’s Dargah on occasion of 813th Urs
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— ANI Digital (@ani_digital) January 1, 2025
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 813वां उर्स 28 दिसंबर 2024 से शुरू हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी अब तक 10 बार अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर भेज चुके हैं, और इस बार यह 11वीं बार होगा।
चादर भेजना ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की मजार पर भक्ति, सम्मान और आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रतीक है। इसे मन्नत पूरी करने का एक साधन माना जाता है।
हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की थी कि वे उर्स के दौरान चादर न भेजें, क्योंकि उनके अनुसार दरगाह के अंदर एक शिव मंदिर है।
इस साल उर्स के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, और पिछले साल के मुकाबले डेढ़ गुना अधिक सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। 600 जवानों की रैपिड एक्शन फोर्स और सीआरपीएफ को रिजर्व में रखा गया है।