नई दिल्ली : PM Modi will attend meeting of BRICS प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह पांच देशों के समूह ब्रिक्स के डिजिटल माध्यम से आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ जुड़ेंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा भी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह शिखर सम्मेलन ऐसे वक्त हो रहा है, जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर गतिरोध बना हुआ है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या शिखर सम्मेलन में यूक्रेन संकट पर चर्चा होगी।
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PM Modi will attend meeting of BRICS विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के आमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 और 24 जून को चीन द्वारा डिजिटल तरीके से आयोजित होने वाले 14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसमें 24 जून को अतिथि देशों के साथ वैश्विक घटनाक्रम पर एक उच्च स्तरीय वार्ता भी शामिल है।’’ बयान में कहा गया कि ब्रिक्स सभी विकासशील देशों के लिए सामान्य चिंता के मुद्दों पर चर्चा और विचार-विमर्श करने का एक मंच बन गया है। समूह ने नियमित रूप से बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार पर जोर दिया है ताकि इसे अधिक प्रतिनिधित्व वाला और समावेशी बनाया जा सके।
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विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान आतंकवाद रोधी उपाय, व्यापार, स्वास्थ्य, पारंपरिक चिकित्सा, पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, नवाचार, कृषि, तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा होने की संभावना है।’’ बयान में कहा गया कि बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार, कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने और वैश्विक आर्थिक सुधार जैसे मुद्दों पर भी वार्ता होने की संभावना है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि शिखर सम्मेलन से पहले बुधवार को ब्रिक्स बिजनेस फोरम के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी के रिकॉर्डेड भाषण को प्रसारित किया जाएगा।
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बता दें कि पिछले हफ्ते, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने ब्रिक्स देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की डिजिटल माध्यम से हुई बैठक में भाग लिया। अपने संबोधन में, डोभाल ने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया, जबकि वैश्विक मुद्दों का विश्वसनीयता, समानता और जवाबदेही के साथ समाधान करने के लिए बहुपक्षीय व्यवस्था में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया।