नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार सुबह बुद्ध पूर्णिमा समारोह में शिरकत करेंगे। यह आयोजन करोना वायरस के खिलाफ पीड़ितों और कोरोना वारियर्स, जैसे मेडिकल स्टाफ, डॉक्टर और पुलिसकर्मी व अन्य के सम्मान में आयोजित किया जा रहा है। संस्कृति मंत्रालय, एक वैश्विक बौद्ध अंब्रेला संगठन इंटरनेशनल बौद्धिस्ट कॉन्फेडरेशन (आईबीसी) के साथ मिलकर एक वर्चुअल प्रार्थना सभा आयोजित कर रहा है, जिसमें दुनिया भर के बौद्ध संघों के सभी शीर्ष प्रमुख हिस्सा लेंगे।
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प्रार्थना समारोह की लाइव स्ट्रीमिंग बौद्ध धर्म से जुड़े सभी प्रमुख स्थलों से होगी। इन स्थलों में नेपाल में लुंबिनी गार्डन, बोधगया में महाबोधि मंदिर, सारनाथ में मूलगंध कुटी विहार, कुशीनगर में परिनिर्वाण स्तूप, श्रीलंका में पवित्र और ऐतिहासिक अनुराधापुरा स्तूप तथा अन्य लोकप्रिय बौद्धस्थल शामिल हैं। बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी सुबह 9.00 बजे वर्चुअल प्रार्थना सभा को संबोधित करेंगे।इससे पहले पहले संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल और अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री किरेन रिजिजू आयोजन में हिस्सा लेंगे।
वेसाक बुद्ध पूर्णिमा को तिहरे धन्य दिवस यानी तथागत गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान की प्राप्ति और महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में माना जाता है. लेकिन ऐसे समय में जब पूरी दुनिया घातक महामारी के कारण घरों में बंद है और घर से ही काम करने के लिए मजबूर है, इस तरह के पवित्र आयोजन को भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को ध्यान में रखकर आयोजित किया गया है।
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इसके बाद पीएम मोदी कल देश को संबोधित करेंगे। बताया जा रहा है कि यह आयोजन पीड़ितों और कोरोना के फ्रंटलाइन योद्धाओं के सम्मान के लिए आयोजित किया जा रहा है।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की थी। जिसमें उन्होंने सभी से लॉकडाउन बढ़ाने सहित इस संक्रमण के निवारण के उपायों और आवश्यक कदमों पर सुझाव मांगा था। इस दौरान सभी राज्यों ने लॉकडाउन को दो हफ्ते और बढ़ाने की मांग की थी।