गुरु नानक देव की 553वीं जयंती समारोह पर बोले पीएम मोदी- ‘गुरुवाणी हमारे लिए परंपरा भी है, आस्था भी है’
गुरु नानक देव की 553वीं जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा के आवास पर आयोजित एक समारोह में हिस्सा लिया।
PM Modi on 553rd Birth Anniversary of Guru Nanak: नई दिल्ली। पीएम मोदी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार ने सिख परंपराओं और विरासत को सशक्त बनाने का प्रयास किया है। उन्होंने पहले सिख गुरु नानक देव की 553वीं जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा के आवास पर आयोजित एक समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान वह विशेष अरदास में भी शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी को पता है कि मैंने कार्यकर्ता के तौर पर लंबा समय पंजाब में बिताया. उस दौरान कई बार हरमंदिर साहब पर मत्था ठेकने का मौका मिला।’
पीएम मोदी ने कहा कि विभाजन में हमारे पंजाब, देश के लोगों ने जो बलिदान दिया, उसकी स्मृति में देश ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की शुरूआत भी की है। विभाजन के शिकार हिंदू-सिख परिवारों के लिए हमने CAA क़ानून लाकर उन्हें नागरिकाता देने का भी एक मार्ग बनाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने कहा कि कुछ समय पहले अफगानिस्तान में किस तरह हालात बिगड़े थे। वहां हिंदू-सिख परिवारों को वपास लाने के लिए अभियान चलाया था। गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूपों को सुरक्षित लेकर आए।
पीएम मोदी ने कहा कि 26 दिसंबर को गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों के महान बलिदान की स्मृति में ‘वीर बाल दिवस’ मनाने की शुरुआत हुई है। प्रकाश पर्व का जो बोध, महत्व सिख परंपरा में रहा, आज देश उसी तन्मयता से कर्तव्य और सेवा परंपरा को आगे बढ़ा रहा है। गुरु नानक देव जी ने हमें जीवन जीने का मार्ग दिखाया था। उन्होंने कहा था नाम जपो, कीरत करो, वंड छको। इस एक वाक्य में आध्यात्मिक चिंतन भी है भौतिक समृद्धि का सूत्र भी है और सामाजिक समरसता की प्रेरणा भी है।
पीएम मोदी ने कहा कि 3 साल पहले गुरु नानक देव जी का 550 वां प्रकाश पर्व उत्सव देश और विदेश में मनाया था। इन विशेष अवसरों पर देश को अपने गुरूओं का आशीर्वाद और प्रेरणा मिली है वह नए भारत के निर्माण की उर्जा बढ़ा रही है।

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