PM Modi spoke 'Mann Ki Baat' for the 112th time, congratulated the winners of Mathematics Olympiad

PM Modi Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने 112वीं बार की ‘मन की बात’, मैथमैटिक्स ओलिंपियाड के विजेताओं को दी शुभकामनाएं, पूछा- मैथ्स से दोस्ती कैसे करें?

पीएम मोदी ने 112वीं बार की 'मन की बात', मैथमैटिक्स ओलिंपियाड के विजेताओं को दी शुभकामनाएं, PM Modi spoke 'Mann Ki Baat' for the 112th time, congratulated the winners of Mathematics Olympiad

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Modified Date: July 28, 2024 / 11:51 AM IST
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Published Date: July 28, 2024 11:34 am IST

नई दिल्लीः PM Modi spoke ‘Mann Ki Baat’ बजट के बाद आज पहली बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 112वां एपिसोड आयोजित हुआ। इस दौरान पीएम मोदी ने कई अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में पेरिस ओलिंपिक की चर्चा हो रही है। हमें खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाना है।ओलंपिक की दुनिया से अलग मैथ की दुनिया में ओलंपिक हुआ। इंटरनेशनल मैथ ओलंपियाड भारत के छात्रों ने शानदार प्रदर्शन किया। भारत ने चार स्वर्ण और एक सिल्वर मेडल जीता है। इसमें 100 से ज्यादा देशों के विद्यार्थी थे। हमारी टीम टाॅप फाइव में आई। देश का नाम रोशन करने वाले छात्र पुणे के आदित्य वेंकट गणेश, सिद्धार्थ चोपड़ा, दिल्ली के अर्जुन गुप्ता, ग्रेटर नोएडा के कनव तलवार, मुंबई के रुसिल माथुर, गुवाहाटी के आनंदो भादुरी शामिल हैं।

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प्रधानमंत्री ने छात्रों से पूछा- मैथ से दोस्ती कैसे करें?

PM Modi spoke ‘Mann Ki Baat’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों से कहा कि देशवासी आपके अनुभव जानने को बेस्रब हैं। आदित्य से कहा कि अनुभव शेयर करें। आदित्य ने कहा कि मुझे मैथ में छोटे से इंटरेस्ट था। परिवार और टीचरों ने हौसला बढ़ाया। सिद्धार्थ ने कहा कि मुझे गणित अच्छा लगता है। प्रधानमंत्री ने अर्जुन और कनव से कहा कि तैयारी से जुड़ा अनुभव बताएं। अर्जुन ने कहा कि मैं सफलता का श्रेय माता-पिता को देता हूं। प्राब्लम सॉल्व करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। मैथ ओलंपियाड के जरिये जीवन की प्रॉब्लम सुलझाने का अनुभव मिला। पीएम ने कनव से विशेष अनुभव पूछा। कनव से कहा कि मैथ मुझे पसंद है। पजल्स से मेरा इंटररेस्ट बढ़ा है। ओलंपियाड में पिछले साल मेरा टीम में नहीं हुआ तो मैं दुखी हुआ। तब परिजनों ने कहा कि सफर मायने रखता है सफलता नहीं। यही मेरा सभी विद्यार्थियों को संदेश है। आनंदो और रुशिल से पूछा कि छात्रों को मैथ से डर लगता है। मैथ से दोस्ती कैसे करें।

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मैथ में लॉजिकल के अलावा क्रिटीएवटी भी है: रुशिल

रुशिल ने कहा कि मैथ सोचने और प्रॉब्लम सॉल्विंग की एक कला है। हम सब मैथ में एक नया प्रश्न जोड़ें कि ये हम क्यों कर रहे हैं, ऐसा क्यों होता है? तो इससे मैथ में इंटरेस्ट बढ़ेगा। मैथ में लॉजिकल के अलावा क्रिटीएवटी भी है। मैथ का इंटरेस्ट बढ़ाने में ओलंपियाड का महत्व है। आनंदो ने कहा कि जिन्हें मैथ से डर उन्हें धैर्य की जरूरत है। फार्मूले से सवाल सॉल्व करने पड़ते हैं। फार्मूले को समझना जरूरी है। इससे मैथ का डर कम होगा।

चराइदेव मैदाम को मिला यूनेस्को विश्व विरासत स्थल का दर्जा

प्रधानमंत्री ने कहा कि चराइदेव मैदाम को यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया जा रहा है। सूची में यह भारत की 43वीं और पूर्वोत्तर की पहली साइट है। चराई देव मैदाम शाइिनंग सिटी ऑफ द हिल्स यानि पहाड़ी पर चमकता शहर। यह अहोम राजवंश की राजधानी थी। राजवंश के लोग अपने पूर्वजों के शव और कीमती चीजों को मैदाम में रखते थे। मैदाम टीलेनुमा ढांचा होता है और मिट्टी से ढका होता है। इसके नीचे कई कमरे होते हैं। मैदान अहोम के दिवंगत राजाओं के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। इस जगह सामुदायिक पूजा होती थी। अहोम साम्राज्य 13 वीं शताब्दी से 19वीं शताब्दी तक चला। अहोम साम्राज्य के सिद्धांत इतने मजबूत थे कि उनसे साम्राज्य को लंबे समय तक कायम रखा। नौ मार्च को मैनें महान योद्धा लसित की प्रतिमा का अनावरण किया। कार्यक्रम में अहोम समुदाय की परंपरा का पालन करते हुए गर्व महसूस हुआ। अब चराइ देव मैदाम में अधिक पर्यटक आएंगे। आप भी अपने ट्रैवल प्लान में इसे शामिल करें।

प्रोजेक्ट परी कलाकारों को दे रही नया मंच

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट परी पब्लिक आर्ट ऑफ इंडिया। प्रोजेक्ट परी पब्लिक आर्ट को लोकप्रिय बनाने के लिए उभरते कलाकारों को एक मंच पर लाने का माध्यम बन रहा है। सड़कों किनारे, अंडरपास में बनी पेटिंग प्रोजेक्ट परी से जुड़े कलाकार बनाते हैं। इससे सार्वजनिक स्थलों की सुंदरता बढ़ती है। साथ ही कल्चर को पॉपूलर बनाती है। दिल्ली के भारत मंडपम में पब्लिक आर्ट बनी हैं। कला व संस्कृति प्रेमी पब्लिक आर्ट पर और काम करें। यह हमें अपनी जड़ों पर गर्व करने की सुखद अनुभूति देगा।

लोकल प्रोडक्ट को बढ़ावा दें

हरियाणा के रोहतक की महिलाओं ने समृद्धि के रंग भरे हैं। उन्नति सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़कर महिलाओं ने कपड़ों पर रंगों पर जादू बिखेरा। यह महिलाएं लाखों कमा रही हैं। इनके बनाए बेडशीट, साड़ी व दुपट्टों की अब खासी मांग है। रोहतक की तरह ही देश भर में कारीगर हैंडलूम को लोकप्रिय बना रहे हैं। ओडिशा की संबलपुरी साड़ी, एमपी की माहेश्वरी, महाराष्ट्र की पैठणी, विदर्भ के हैंडब्लॉक प्रिंट, हिमाचल की बुटीकों शॉल समेत देशभर में हैंडलूम का काम छाया है। सात अगस्त को हम नेशनल हैंडलूम दिवस मनाएंगे। कई कंपनियां हैंडलूम को बढ़ावा दे रहे हैं। आप अपने यहां के लोकल प्रोडक्ट को #माई प्रोडक्ट माई प्राइड के नाम से सोशल मीडिया पर अपलोड करें। आपका यह प्रयास अनेकों लोगों की जिंदगी बदलेगा। खादी भी खूब लोग पहन रहे हैं। इसका कारोबार डेढ़ लाख करोड़ के पार पहुंच गया। इसकी बिक्री 400 फीसदी बढ़ी है।

 

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