नई दिल्ली। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने आज शाम ठीक 5 बजे देश को संबोधित करना शुरु किया । पीएम मोदी ने कोरोनाकाल में देश में बीमारी से निपटने पर अपने विचार रखे। पीएम मोदी ने संबोधन में देश में चलिए जा रेह वैक्सीनेशन पर विस्तृत चर्चा की है। पीएम मोदी ने बताया कैसे देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच टीकाकरण को लेकर बनाई रणनीति पर काम शुरु किया गया।
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7, 2021</a></blockquote>
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पीएम मोदी ने कहा, 21 जून सोमवार से देश के हर राज्य में 18 वर्ष की उम्र के ऊपर के सभी नागरिकों को भारत सरकार राज्यों को मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराएगी। 75 फीसदी वैक्सीन कंपनियों से खरीदकर राज्यों को केंद्र सरकार मुहैया कराएगी। देश के सभी राज्यों को केंद्र मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराई जाएगी। सभी देशवासियों को भारत सरकार मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराएगी।
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देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बीते बातों का उल्लेख करते हुए कहा कि, कुछ लोग चर्चा कर रही थी, सब कुछ भारत सरकार ही क्यों तय कर रही है। राज्य सरकारों को लॉकडाउन की छूट क्यों नहीं मिल रही है। ये भी दलील दी गई कि संविधान में चूंकि हेल्थ प्रमुख रूप से राज्य का विषय है। इसलिए अच्छा है कि सब राज्य ही करें। इस दिशा में एक शुरुआत की गई। वृहत गाइलाइंस बनाकर राज्य को दी गई ताकि राज्य अपनी सुविधा के अनुसार काम कर सकें।
पीएम मोदी ने कहा, भारत सरकार ने राज्यों की इन मांगों को स्वीकार किया है। इस साल 16 जनवरी से अप्रैल महीने के अंत तक भारत का वैक्सीनेशन कार्यक्रम मुख्यत: केंद्र सरकार के अधीन ही चला। देश के नागरिक भी अनुशासन का पालन करते हुए अपनी वैक्सीन लगवा रहे थे। इस बीच, कई राज्य सरकारों ने फिर कहा कि वैक्सीन का काम विकेंद्रीकृत किया जाए। तरह-तरह के स्वर उठे, जैसे वैक्सीनेश के लिए एज ग्रुप क्यों बनाए गए। कुछ आवाजें तो ऐसी उठी कि बुजुर्गों का वैक्सीनेश पहले क्यों हो रहा है। इसके बाद यह सहमति बनी कि राज्य सरकारें अगर ऐसा प्रयास करना चाहती है तो भारत सरकार अकेले क्यों करे। इस बात को ध्यान में रखते हुए 16 जनवरी से जो व्यवस्था चली आ रही थी कि राज्य ये मांग कर रहे हैं, उनका उत्साह है तो चलो भाई 25 फीसदी काम उन्हीं को दे दिया गया। 1 मई से राज्यों को 25 फीसदी काम उनके हवाले कर दिया गया । उसे पूरा करने के लिए उन्होंने अपने तरीके प्रयास किया गया। इस दौरान किस तरह की कठिनाई आती हैं, उन्हें इसका पता चला।
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पीएम मोदी ने कहा कि मई में दो हफ्ते बीतते हुए कुछ राज्य सरकारें कह रहे थे कि पहले वाला इंतजाम अच्छा ता। वैक्सीन का काम प्रदेशों पर छोड़ा जाए, जो इसकी वकालत कर रहे थे उनके विचार भी बदलने लगे। अच्छी बात ये रही है कि समय रहते हुए राज्य पुनर्विचार की मांग के साथ फिर आगे आए। प्रदेशों की मांग पर हमने विचार किया, सोचा कि देशवासियों को कोई दिक्कत न हो। इसलिए 1 मई से पहले वाली पुरानी वाली व्यवस्था को फिर से लागू किया जाए। पीएम ने कहा कि अब ये निर्णय लिया गया है कि राज्यों के पास जो वैक्सीनेशन से जुड़ा जो 25 फीसदी काम था, उसकी जिम्मेदारी भी भारत सरकार उठाएगी। ये व्यवस्था आने वाले दो सप्ताह में लागू की जाएगी। इस दो सप्ताह में केंद्र और राज्य आवश्यक व्यवस्था तैयार करेंगी।
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